टोंक (हुक्मनामा समाचार)। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के उपरांत प्रत्याशियों द्वारा नामांकन भरे जाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है, लेकिन प्रदेश की बड़ी जातियों को चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के कारण कई जातियों में विरोध के स्वर सुनाई देने लगे है। टोंक-माधोपुर लोकसभा क्षेत्र से जहां कांग्रेस ने विधायक हरीश मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया है, वही भाजपा ने मौजूदा सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया पर तीसरी बार दांव लगाया है। इस चुनाव में टोंक-सवाई माधोपुर सीट सहित प्रदेश में कांग्रेस द्वारा किसी भी मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को टिकिट नहीं दिए जाने के फलस्वरुप टोंक के मुस्लिम नेताओं में कांग्रेस विरोधी स्वर सुनाई देने लगे हैं। इसी के चलते चुनाव संबंधी चर्चाओं में कांग्रेस सेवादल जिला टोंक के पूर्व जिलाध्यक्ष, प्रदेश सेवादल के पूर्व संगठन मंत्री, पूर्व बीसूका सदस्य नईमुद्दीन आपोलो ने कहा है कि राजस्थान में 9 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता निवास करते है, जो 40 प्रतिशत विधानसभा सीटों को प्रभावित करता है, इसमें 15 सीटें तो ऐसी है, जिनमें मुस्लिम मतदाताओं का वर्चस्व है। शेष जगह जहां बड़ा मुस्लिम वोट बैंक हैं, वहां चुनावी नतीजों को प्रभवित करती है। यही वजह है इन सीटों पर कांगे्रस अपना मुस्लिम उम्मीदवार उतारती आ रही है। उन्होंने बताया कि इस लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण समाज के विरोध को शांत करने के लिये कांगे्रस ने ब्राह्मण समाज के दिग्गज नेता सीपी जोशी को भीलवाड़ा का टिकट बदलकर उन्हे चुनाव मैदान में उतारा है। अपोलो ने इस पर मांग करते हुए कहा कि यदि ब्राह्मण समाज के विरोध चलते भीलवाड़ा प्रत्याशी को बदला जा सकता है तो कांग्रेस के परंपरागत मुस्लिम वोटों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान की 25 सीटों में से कम से कम एक सीट पर मुस्लिम समाज के व्यक्ति को टिकट देना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं को केवल वोट बैंक की रूप में इस्तेमाल करती आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कहे गए वक्तव्य जिसमें उन्होंने हमेशा कहा है कि ‘‘जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी’’ पर कांग्रेस कतई काम नही कर रही है। जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी वाले वक्तव्य को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को भी पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि अजमेर संभाग की टोंक, डीडवाना, मसूदा, मकराना, मूंडवा, लाडपुरा एवं नागौर जैसे विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम बाहुल्य मतदाता है, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं। सवाई-माधोपुर लोकसभा सीट से 2014 में मुस्लिम चेहरे के रूप में क्रिकेटर अजहरुद्दीन को अपना प्रत्याशी कांग्रेस ने बनाया था, जो मोदी लहर के कारण पराजित हो गए थे, उसके बाद किसी भी मुस्लिम नेता को टोंक से टिकिट नहीं दिया गया । अपोलो ने यह भी कहा कि इसी तरह विधानसभा चुनाव में भी टोंक की सीट मुस्लिम समाज को दी जाती थी, वह भी समाप्त कर दी गई है। टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र में लगभग 2 लाख 86 हजार मुस्लिम मतदाता है। टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट सामान्य समुदाय के लिये है, लेकिन अभी तक कभी भी सामान्य समुदाय के व्यक्ति को किसी भी राजनीतिक पार्टी ने टिकट नहीं दिया है, जो विचारणीय प्रश्न मुंह बाय खड़ा है । अपोलो ने मांगी की है कि जिस तरह कांग्रेस ने भीलवाड़ा का टिकट ब्राह्मण समाज को खुश करने के लिए बदला गया है, उसी तरह मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं को संतुष्ट करने के लिए टोंक सवाई माधोपुर का प्रत्याशी भी बदला जाये, जिससे मुस्लिम मतदाताओं का भरोसा कांग्रेस पर बना रह सके। ज्ञात रहे कि विधानसभा चुनाव मे भी कांग्रेस ने जब टोंक सीट से सचिन पायलट को चुनाव मैदान में उतारा, तब भी टोंक से किसी मुस्लिम समाज के व्यक्ति को टिकट नही दिय जाने पर विरोध स्वरूप नईमुद्दीन अपोलो सहित दो-तीन मुस्लिम नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन भर दिया था, जिसे पायलट ने अपनी राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय देते हुये इन्हें राजी कर नामांकन वापस करा लिया था।
जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उतनी उसकी हिस्सेदारी-नईमुद्दीन आपोलो
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