जम्मू के अखनूर में भारतीय सेना का एनकाउंटर जारी है। सेना के इस ऑपरेशन में कोई चूक न रहे इसके लिए बीएमपी-2 बख्तरबंद गाड़ियों को भी एनकाउंटर में उतारा गया है। घाटी के पहाड़ी जंगल और दलदलिए इलाकों में छिपे आतंकियों के लिए ये गाड़ियां किसी काल से कम नहीं है। इनमें बैठकर सैनिक उन आतंकियों की तलाश कर रहे हैं जिन्होंने एक बार फिर घाटी को दहलाने की कोशिश की है। यानी अब आतंक को टैंक से कुचलने की तैयारी है। साथ ही आतंकियों को जहन्नुम पहुंचाने के लिए एनएसजी कमांडोज भी उतारे गए हैं। जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर के एक गांव के पास वन क्षेत्र में छिपे दो आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने आज सुबह मार गिराया, जिससे नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 27 घंटे तक चली मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की संख्या तीन हो गई है।
बीएमपी-2 एक बख्तरबंद वाहन है। यानी इस पर गोलियों और आईईडी का कोई असर नहीं होता है। मेन वेपन के तौर पर इस वाहन पर 30 एमएम की ऑटो कैनन अटैच होती है। ये एक मिनट के अंदर 800 राउंड फायरिंग कर सकती है। ऑटो कैनन के साथ ही बीएमपी-2 पर एक हैवी मशीनगन भी लगी होती है। लेकिन भारतीय सेना की बीएमपी-2 की सबसे बड़ी पावर इसकी एंटी टैंक गन है, जो नाग मिसाइल से लैस रहती है। यानी युद्द के मैदान में बीएमपी 2 किसी मेन बैटल टैंक को भी तबाह करने में सक्षम है।

आतंकियों को ढूंढते बख्तरबंद टैंक…इस बीच LoC पर सेना ने दाग दिया रॉकेट लॉन्चर
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