America ने भारत से निभाई दोस्ती, Arunachal Pradesh के संबंध में China को दिया झटका

ram

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। दोनों देशों के बीच सालों से यह एक बेहद संवेदनशील और ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। अरुणाचल प्रदेश पर जीने लगातार अपना दावा करता आया है। वहीं अब चीन को एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि अमेरिका ने चीन के इस दावे को नकार दिया है। अमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताया है जिससे चीन को बड़ा झटका लगा है।
अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है और वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास क्षेत्रीय दावों के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से विरोध करता है। अमेरिका ने एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए साफ कहा है की लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर क्षेत्रीय दावों के प्रयासों का वह विरोध करता है। बता दें कि अमेरिका के प्रवक्ता ने ये बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अरुणाचल यात्रा को लेकर चीनी सेना द्वारा राज्य पर अपना दावा दोहराए जाने के कुछ दिन बाद की है।

इस मामले पर अमेरिका के विदेश विभाग के उपप्रवक्ता वेदांत पटेल ने बयान में कहा कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत का ही एक ही एक हिस्सा मानता है। लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर किसी नागरिक यासीन की घुसपैठ या अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और हम इसकी निंदा करते हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में, चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शियाओगांग ने कहा था कि जिजांग (चीन ने तिब्बत को जो नाम दे रखा है) का दक्षिणी भाग चीन के भूभाग का एक अंतर्निहित हिस्सा है। अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत कहने वाला चीन इस राज्य में भारतीय नेताओं के दौरों का विरोध करता रहा है। बीजिंग ने इस क्षेत्र को जांगनान नाम भी दे रखा है।

बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने नौ मार्च को अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फुट की ऊंचाई पर निर्मित सेला सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था। यह सुरंग रणनीतिक रूप से स्थित तवांग तक हर मौसम में संपर्क प्रदान करेगी और सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की बेहतर आवाजाही के लिए भी मददगार हो सकती है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने बुधवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य या असैन्य घुसपैठ या अतिक्रमण के माध्यम से क्षेत्रीय दावे करने के किसी भी एकपक्षीय प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *