जयपुर: ऑलमाइटी इंटरनेशनल द्वारा आज जयपुर के इंद्रलोक सभागार में आयोजित राष्ट्रीय स्तर का एक दिवसीय एस्ट्रोलॉजी कॉन्क्लेव सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने किया। अपने उद्घाटन संबोधन में ज्योतिष और वास्तुशास्त्र को भारतीय संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया और कहा कि, “ज्योतिष और वास्तुशास्त्र न केवल हमारी प्राचीन धरोहर हैं, बल्कि आज के आधुनिक समय में भी ये हमें बेहतर जीवन जीने की दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं। इस तरह के आयोजनों से इन प्राचीन विद्याओं को वैज्ञानिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से समझने और अपनाने का अवसर मिलता है।” कार्यक्रम में पंडित सुरेश मिश्रा; राजेंद्र सिंह पचार; फोरम प्रेजिडेंट, मोहित माहेश्वरी; जे डी माहेश्वरी, पवन गोयल बतौर अतिथि मौजूद रहे।
इस अवसर पर कार्येक्रम संयोजक, डॉ. मेघा शर्मा ने कहा, “यह आयोजन प्राचीन भारतीय विज्ञानों को आधुनिक संदर्भ में प्रासंगिक बनाने की दिशा में एक कदम है। हमने यह प्रयास किया है कि ज्योतिष और उससे संबंधित विद्या को समाज के हर वर्ग तक सरल और प्रभावशाली तरीके से पहुंचाया जा सके।” डॉ. मेघा ने सभी अतिथियों, विशेषज्ञों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह सम्मेलन हमारी अपेक्षाओं से कहीं अधिक सफल रहा। हमें खुशी है कि लोगों ने इसे खुले दिल से स्वीकार किया और इसे ज्ञानवर्धन का एक प्रमुख अवसर माना।”
ऑलमाइटी इंटरनेशनल के संस्थापक अरशद हुसैन ने कहा, “यह सम्मेलन हमारे लिए एक अनूठा अवसर था, जहां हमने प्राचीन भारतीय ज्योतिष और वास्तु विद्या को आधुनिक समाज से जोड़ने का प्रयास किया। इस पहल का उद्देश्य न केवल लोगों को जागरूक करना था, बल्कि उन्हें यह समझाना भी था कि यह विद्या उनके जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी ने हमें और भी प्रेरित किया है कि हम भविष्य में इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करें।”
सम्मेलन में पंडित सतीश शर्मा; दिल्ली से अजय भांबी; कानपुर से के. ए. दुबे और पुरुषोत्तम गौड़ ने ‘भारत के भविष्य’ पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि 2025 अप्रैल के बाद से विश्व सत्तर पर अमेरिका का दबदबा काम होगा और भारत देश और दुनिया के कई नए कीर्तिमान स्थापित करेगा चाहे वो वित्तीय प्रभंधन हो, शिक्षा हो, युवओं के लिए रोजगार, या मेडिसिन हर तरफ हमारा ही दबदबा होगा। इसके अलावा पैनल चर्चाओं में वास्तु के वैज्ञानिक स्वरूप पर – डॉ. ज्योति शर्मा; योग और जीवनशैली पर – अमित स्वामी; कुण्डली और हस्तरेखा पर – आचार्य अनुपम जौली; इंटीग्रेटेड एस्ट्रो रेमेडीज एंड किचन पर – प्रो. डॉ. क्रुति वजीर; आभा मंडल (ऑरा) और ऊर्जा संतुलन पर – हेमलता शर्मा, कुर्ति वजीर, हिमानी जॉली और आचार्य पवन दत्त द्वारा गूढ़ रहस्यों और ऊर्जा संतुलन जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई।
कार्यक्रम के अंतिम में सम्मान समारोह के अलावा, जयपुरवासियों ने व्यक्तिगत परामर्श सत्रों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस तरह का आयोजन न केवल ज्ञानवर्धक है, बल्कि यह जीवन में नई दिशा भी दिखा सकता है। कार्यक्रम में शैक्षणिक और व्यावहारिक सत्रों के साथ-साथ विशेषज्ञों ने आने वाले समय को लेकर अपनी भविष्यवाणियां भी साझा कीं।