नई दिल्ली। देशभर में शुक्रवार को करवा चौथ का पावन त्योहार बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी बाजारों में उमड़ रही हैं। कारोबारी संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आंकड़ों को मानें तो आज देशभर में करीब 28 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। केवल राजधानी नई दिल्ली में ही 8,000 करोड़ रुपये के सामानों की बिक्री होने का अनुमान है।
कैट के महामंत्री और भाजपा सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि देशभर में करवा चौथ के अवसर पर लगभग 28 हज़ार करोड़ का कारोबार हो गया है। दिल्ली में ही यह व्यापार 8 हजार करोड़ के करीब रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष देशभर में इस अवसर पर करीब 22 हजार करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी, जबकि वर्ष 2023 में करवा चौथ पर लगभग 15 हजाार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था।
खंडेलवाल ने कहा कि राजधानी नई दिल्ली सहित देश के हर बाजार, मॉल और मार्केट में रौनक का माहौल है। पति की लंबी उम्र की कामना के लिए महिलाएं बड़ी संख्या में खरीदारी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली का चांदनी चौक देश का सबसे बड़ा थोक बाजार है, जहां त्योहारों की गहमागहमी बहुत जोरों पर है। कल दिल्ली सहित देशभर के बाजारों में खरीदारों का तांता उमड़ा और आज करवा चौथ के दिन उपभोक्ताओं की भीड़ बाजारों में देखी जा रही है। खंडेलवाल ने बताया कि करवा चौथ से जुड़े पारंपरिक सामान जैसे साड़ी, लहंगे, पूजा थाली, छलनी, मिट्टी के करवे, मिठाइयां, गिफ्ट आइटम्स, ज्वेलरी और कॉस्मेटिक्स की बिक्री में भारी तेजी आई है।
कैट महामंत्री ने कहा कि इसके साथ ही ब्यूटी पार्लर, मेहंदी आर्टिस्ट्स और सैलून में भी दिनभर लंबी कतारें लगी रहीं। इससे देशभर में छोटे कारीगरों तथा आर्टिस्टों को बड़ा रोजगार मिला है। देशभर में बड़ी संख्या में सामूहिक रूप से भी करवा चौथ पूजन के आयोजन किए गए। दिल्ली के चांदनी चौक, सदर बाज़ार, सरोजिनी नगर, लाजपत नगर, करोल बाग, राजौरी गार्डन, कमला नगर, शालीमार बाग, पीतमपुरा, पश्चिम विहार, रोहिणी, कनॉट प्लेस, ख़ान मार्केट, साउथ एक्सटेंशन, लक्ष्मी नगर, प्रीत विहार जैसे प्रमुख बाजारों में लोगों की भीड़ से दुकानों पर पैर रखने की जगह नहीं रही।
उन्होंने कहा कि इस बार करवा चौथ से पहले कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती ने उपभोक्ताओं को अतिरिक्त राहत दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वदेशी बेचने एवं खरीदने का आह्वान देशभर के व्यापारियों एवं उपभोक्ताओं ने बड़े तरीके से अपनाया है, जिससे खरीदारी में बड़ा उछाल देखा गया। कैट के अनुसार यह पर्व न केवल प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि घरेलू व्यापार को भी नई ऊर्जा देता है। देशभर में लाखों छोटे व्यापारी और स्थानीय दुकानदारों को इस अवसर पर भरपूर व्यापार मिला है।