नई दिल्ली। इंडस्ट्रियल मिनिरल्स और स्पेशिलिटी केमिकल्स का प्रोडक्शन और सप्लाई करने वाली कंपनी एसके मिनरल्स एंड ऐडिटिव्स लिमिटेड का 41.15 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च कर दिया गया। इस आईपीओ में 14 अक्टूबर तक बोली लगाई जा सकती है। आईपीओ में बोली लगाने के लिए 120 रुपये से लेकर 127 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि लॉट साइज 1,000 शेयर का है। आईपीओ के तहत 32.40 लाख नए शेयर जारी किए जा रहे हैं।
आईपीओ खुलने से एक दिन पहले गुरुवार को इंडस्ट्रियल मिनिरल्स और स्पेशिलिटी केमिकल्स ने 6 एंकर इनवेस्टर्स से 11.72 करोड़ रुपये जुटाए। इन एंकर इनवेस्टर्स में जालान केमिकल इंडस्ट्रीज, एसेंड ग्लोबल अपॉर्च्युनिटी फंड, राजस्थान ग्लोबल सिक्योरिटीज, एलआरएसडी सिक्योरिटीज, मिनर्वा वेंचर्स फंड और चाणक्य अपॉर्च्युनिटी फंड के नाम शामिल हैं। इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए 47.47 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 33.27 प्रतिशत हिस्सा और नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनआईआई) के लिए 14.26 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है।
इसके अलावा मार्केट मेकर्स ऋखब सिक्योरिटीज लिमिटेड के लिए 5 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व रखा गया है। इस इश्यू के लिए खंबाटा सिक्योरिटीज लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है। माशीतला सिक्योरिटीज लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनया गया है। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 15 अक्टूबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा। कंपनी के शेयर 17 अक्टूबर को बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होंगे।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें, तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.89 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 3.10 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 10.94 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की आय में उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 132.59 करोड़ रुपये की आय हुई, जो वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 108.94 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 212.15 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। इसी तरह मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से अगस्त महीने के दौरान कंपनी को 5.02 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ, जबकि इस अवधि में कंपनी को 85.38 करोड़ रुपये की आय हुई।
इस अवधि में कंपनी के कर्ज में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 23.11 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 32.36 करोड़ रुपये के स्तर पर, वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 39.13 करोड़ रुपये के स्तर पर और मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से अगस्त महीने तक 75.12 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। इस दौरान कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में भी बढ़ोतरी हुई। ये वित्त वर्ष 2022-23 में 4.63 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 7.72 करोड़ रुपये के स्तर पर, 2024-25 में उछल कर 14.66 करोड़ रुपये के स्तर पर और मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से अगस्त महीने तक 19.69 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।