सोलरवर्ल्ड के शेयरों की मजबूत लिस्टिंग के बाद बना बिकवाली का दबाव

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नई दिल्ली। सोलर एनर्जी सेक्टर की कंपनी सोलरवर्ल्ड एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में मजबूत एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 351 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग 11 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 389 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 10.68 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 388.50 रुपये के स्तर पर हुई।

लिस्टिंग के बाद मुनाफा वसूली शुरू हो जाने के कारण इस शेयर की चाल में गिरावट आ गई। सुबह 11 बजे तक का कारोबार होने के बाद कंपनी के शेयर 334.40 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इस तरह प्रीमियम लिस्टिंग के बावजूद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण अभी तक के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 4.73 प्रतिशत का नुकसान हो चुका है।

सोलरवर्ल्ड एनर्जी सॉल्यूशंस का 490 करोड़ रुपये का आईपीओ 23 से 25 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से शानदार रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 68.49 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 74.24 गुना सब्सक्राइब हुआ था।

वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 68.21 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 51.69 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 5 रुपये फेस वैल्यू वाले 440 करोड़ रुपये के 1,25,35,612 नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 50 करोड़ रुपये के 14,24,501 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ में नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 14.84 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 51.69 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 77.05 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 9 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 551.09 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 64.67 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में कम होकर 61.10 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज बढ़ कर 114.55 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 21.59 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 73.28 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 270 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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