जयपुर। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय पंच गौरव समिति की प्रथम बैठक आयोजित हुई। बैठक में पंच गौरव कार्यक्रम की प्रगति, जिला स्तरीय कार्ययोजनाओं एवं नोडल विभागों के प्रस्तावों की समीक्षा की गई। चयनित जिलों को बजट आवंटन और पुनर्विनियोजन से जुड़े विषय भी एजेंडे में शामिल रहे। मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने निर्देशित किया कि कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन और सतत मॉनिटरिंग के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समितियाँ सक्रिय रहें और उपखण्ड स्तर पर नियमित समीक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं को समयबद्ध कार्ययोजना के अनुसार लागू किया जाए, विभागों के बीच समन्वय सुदृढ़ किया जाए और पंचायत स्तर तक विशेष अभियान चलाकर अधिकतम लाभार्थियों तक पहुँचा जाए। साथ ही वित्तीय प्रावधानों और बजट उपयोग की नियमित समीक्षा कर कार्यक्रम का लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुँचाया जाए। आयोजना विभाग के निदेशक श्री विनेश सिंघवी ने बताया कि पंच गौरव कार्यक्रम को राज्य सरकार ने फ्लैगशिप योजना घोषित किया है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों से कार्ययोजनाएँ प्राप्त कर उनका परीक्षण संबंधित विभागों से कराया जा चुका है।
उन्होंने बैठक के एजेंडा में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इनमें जिला स्तरीय समितियों से प्राप्त ₹406 करोड़ की कार्ययोजनाओं पर विचार, नोडल विभाग की अनुशंसा पर ₹86.18 करोड़ का बजट जिलों को आवंटित करने पर चर्चा, तथा ₹100 करोड़ के प्राविधिक बजट को विभिन्न मदों में पुनर्विनियोजित करने का प्रस्ताव प्रमुख रहे। इसके साथ ही प्रत्येक संभाग के जिलों को ₹50 लाख और अन्य जिलों को ₹25 लाख अनटाइड फंड उपलब्ध कराने के विषय पर भी विचार-विमर्श किया गया और निर्णय हुए। उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न गौरव घटकों- उपज, वनस्पति प्रजाति, उत्पाद, पर्यटन स्थल और खेल के लिए जिला एवं विभाग स्तर पर विस्तृत अनुमोदन स्वीकृत किए गए हैं, ताकि कार्यक्रम का क्रियान्वयन गति पकड़ सके। पंच गौरव कार्यक्रम की शुरुआत 17 दिसम्बर 2024 को हुई थी तथा वर्ष 2025-26 के बजट घोषणा संख्या 22 (1) के अंतर्गत इसे मंजूरी दी गई, जिसके लिए ₹550 करोड़ का प्रावधान है। योजना का उद्देश्य प्रत्येक जिले की विशिष्ट पहचान स्थापित करना, स्थानीय संसाधनों को प्रोत्साहन देना और रोजगार व आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है। कार्यक्रम के पाँच मुख्य घटक उपज, वनस्पति प्रजाति, उत्पाद, पर्यटन स्थल और खेल हैं।
इन घटकों के लिए क्रमशः कृषि विभाग, वन विभाग, उद्योग विभाग, पर्यटन विभाग और खेल विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया है। इन सभी क्षेत्रों में मानकीकरण, प्रशिक्षण, ब्रांड बिल्डिंग, डिजिटल प्रचार-प्रसार और जनभागीदारी के माध्यम से कार्य किया जा रहा है, ताकि पंच गौरव कार्यक्रम को जनआंदोलन का रूप दिया जा सके और प्रत्येक जिले की विशिष्ट पहचान को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित किया जा सके। बैठक में प्रमुख शासन सचिव पर्यटन एवं कला संस्कृति श्री राजेश कुमार यादव, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री वैभव गालरिया, शासन सचिव युवा एवं खेल विभाग श्री नीरज के पवन, आयुक्त कृषि एवं उद्यानिकी सुश्री चिन्मयी गोपाल, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन विभाग श्रीमती टी जे कविथा उपस्थित रहे। साथ ही कृषि, वन, उद्योग, पर्यटन एवं खेल सहित सभी नोडल विभागों तथा अन्य संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों की उपस्थिति रही।