जयपुर: बौद्धिक दिव्यांग गृह आवासनी मृतका का नियमानुसार किया गया दाह संस्कार — सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री

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जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अविनाश गहलोत ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि जामडोली स्थित राजकीय बौद्धिक दिव्यांग गृह में पिछले दिनों मृतक आवासनी का अंतिम संस्कार पुलिस विभाग के नियमों के अनुसार किया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि 6 अगस्त, 2016 को सीमा द्वितीय आवासनी को बौद्धिक दिव्यांग गृह (बालिका विंग) जामडोली जयपुर में प्रवेश दिया गया। 26 मार्च, 2025 को इस आवासनी की तबीयत खराब होने पर सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इलाज के दौरान 29 अप्रेल 2025 को रात्रि 10:30 बजे मृत्यु हो पर जाने के कारण सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी में रखवाकर उक्त आवासनी के माता-पिता के अज्ञात होने के कारण नियमानुसार कार्यवाही के लिए जामडोली थाने को 30 अप्रेल 2025 को सूचित किया गया। आवश्यक कार्यवाही उपरान्त आवासनी के शव का 5 मई, 2025 को पोस्टमार्टम पश्चात् पुलिस द्वारा सुपुर्दगी करते ही उसी दिन 5 मई को दाह संस्कार की कार्यवाही की गयी। श्री गहलोत ने कहा कि जयपुर के जामडोली स्थित राजकीय बौद्धिक दिव्यांग गृह में मानसिक रूप से विमंदित बच्चों को रखा जाता है। इन बच्चों की प्रतिरोधात्मक क्षमता कम होती है और शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग के द्वारा 27 सितंबर 2021 को जारी सर्कुलर के नियमों के अनुसार ही आवासनी का दाह संस्कार किया गया। उन्होंने बताया कि मृतका की मृत्यु अस्पताल रिपोर्ट के अनुसार Lower Respiratary Tract Infection (Pneumonia) के कारण हुई। इससे पहले विधायक श्री रफीक खान के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग के सर्कुलर के अनुसार मृतक का शव स्थानीय चिकित्सालय में कम से कम 72 घंटे सुरक्षित रखा जाए, जिससे उसके परिजनों के तलाश करने उसकी पहचान स्थापित करने का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि इस संबंध में दाह संस्कार में हुई देरी के लिए तत्कालीन अधीक्षक को भी निलम्बित कर दिया गया है। श्री गहलोत ने आगरा रोड पर जामडोली स्थित राजकीय बौद्धिक दिव्यांग गृह (बालक एवं बालिका विंग) में विगत दो वर्ष में आवासियों की हुई मृत्यु की सूची भी सदन के पटल पर रखते हुए कहा कि वर्ष 2020 से 2023 तक कुल 15 आवासियों की मृत्यु हुई थी।

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