धरियावद। नगर में बुधवार को देव झुलनी ग्यारस का पर्व हर्षोल्लास और श्रद्धा भाव से मनाया गया। परंपरा के अनुरूप विभिन्न मंदिरों से भगवान की रेवाड़ियाँ सजाकर नगरभर में शोभायात्रा निकाली गईं। ये रेवाड़ियाँ करमोई नदी तट तक पहुँचीं, जहाँ गंगाजल से भगवान का स्नान कराकर महाआरती की गई। इसके पश्चात परंपरा अनुसार सभी रेवाड़ियाँ धरियावद राजमहल पहुँचीं। राजमहल में ठाकुर साहब भानु प्रताप सिंह राणावत ने सपरिवार भगवान की पूजा-अर्चना कर आरती उतारी और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। इस अवसर पर नगर के प्रमुख मंदिरों में विशेष सजावट की गई। ठाकुरजी को पालकी में विराजमान कर नगर में भव्य शोभायात्राएँ निकाली गईं। ढोल-नगाड़ों, बैंडबाजों और भजन-कीर्तन के साथ श्रद्धालु नाचते-गाते हुए चल रहे थे। महिलाएँ मंगल गीत गाकर देवझुलनी की परंपरागत रस्म निभाती रहीं। रात्रि में भगवान के लिए विशेष झूला सजाया गया। भक्तों ने बारी-बारी से भगवान को झुलाने का सौभाग्य प्राप्त किया। दिनभर श्रद्धालु व्रत-उपवास, कथा श्रवण और भजन संध्या में सहभागी बने। केवल नगर ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्रामीण अंचलों में भी यह पर्व बड़े उत्साह और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। मंदिरों व घरों में दीप प्रज्वलित कर धार्मिक वातावरण का सृजन किया गया।

धरियावद में धूमधाम से मनाई गई देव झुलनी ग्यारस, राजमहल में राणावत परिवार ने लिया पूजन का लाभ
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