भारत, दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बना, पवन ऊर्जा में चौथे स्थान पर पहुंचा

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नई दिल्ली। भारत स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसके साथ देश पवन ऊर्जा में विश्व का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। यह जानकारी मंगलवार को सरकार की ओर से दी गई। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) के हवाले से बताया कि देश स्थापित अक्षय ऊर्जा के मामले में विश्व में चौथे, पवन ऊर्जा में चौथे और सौर ऊर्जा में तीसरे स्थान पर है। सरकार के बयान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 1,08,494 गीगावाट घंटा सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जो जापान के 96,459 गीगावाट घंटा से अधिक है। इस दौरान देश की सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता 38 गीगावाट से बढ़कर 74 गीगावाट हो गई है। भारत की कुल स्थापित विद्युत क्षमता 484.82 गीगावाट में नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान अब 50.07 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यह लक्ष्य सीओपी26 की प्रतिबद्धता है, जिसे भारत ने निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही प्राप्त कर लिया है। भारत की संचयी सौर ऊर्जा क्षमता जलाई 2025 तक 119.02 गीगावाट थी। इसमें जमीन पर स्थापित सौर संयंत्र क्षमता 90.99 गीगावाट, ग्रिड से जड़े रूफटॉप सिस्टम की क्षमता 19.88 गीगावाट, हाइब्रिड परियोजनाओं से 3.06 गीगावाट की क्षमता और ऑफग्रिड सौर प्रतिष्ठानों से 5.09 गीगावाट की क्षमता शामिल है, जो नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार के लिए देश के विविध दृष्टिकोण को दर्शाता है। सरकार के मुताबिक, भारत उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में स्थित है, जहां कर्क रेखा कई राज्यों से होकर गजरती है। इससे देश में सौर ऊर्जा उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। भारतीय महाद्वीप की कुल सौर ऊर्जा क्षमता 748 गीगावाट है। राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में देश की सबसे अधिक सौर ऊर्जा क्षमता है,जो उन्हें भारत के स्वच्छ ऊर्जा विकास के प्रमुख चालक बनाती है। इसके अलावा सरकार ने बताया कि देश की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़कर जुलाई 2025 तक 227 गीगावाट हो गई है।

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