रातोंरात मुस्लिम देश ने छीन ली 26 हजार महिलाओं की नागरिकता

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कुवैत में रातोंरात हजारों लोगों को अपनी नागरिकता गंवानी पड़ी है। इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। लोग जव सुवह सोकर उठे तो किसी का बैंक अकाउंट बंद हो गया तो किसी की अन्य सरकारी सुविधाएं ठप हो गईं। जव पता किया तो पता चला कि उनकी नागरिकता ही खत्म हो गई है। 37 हजार लोगों की नागरिकता अगस्त के बाद से जा चुकी है। इनमें 26 हजार महिलाएं ही हैं। मई 2024 में ही वहां के अमीर ने लोकतंत्र को खतरा वताया था और संविधान में संशोधन करने की घोषणा कर दी थी। सरकार उन लोगों की नागरिकता ज्यादा रद्द कर रही है जिन्हें शादी के वाद यहां की नागरिकता मिली थी।
इस लिस्ट में वे महिलाएं ज्यादा शामिल हैं जिन्होंने कुवैत के पुरुषों से शादी कर नागरिकता हासिल की थी। अमीर का कहना है कि उन लोगों को ही कुवैत का नागरिक माना जाएगा जिनका यहां के लोगों के साथ खून का रिश्ता है। नवीनतम अभियान विवाह द्वारा प्राकृतिककरण को समाप्त करता है, जो केवल महिलाओं पर लागू होता था, और 1987 से पत्नियों को दी गई नागरिकता को रद्द करता है। आधिकारिक डेटा से पता चलता है कि 1993 से 2020 तक 38,505 महिलाओं को विवाह द्वारा प्राकृतिक बनाया गया था। यह दोहरी राष्ट्रीयता वाले लोगों को भी लक्षित करता है, जिसे कुवैत अनुमति नहीं देता है, और जो लोग धोखाधड़ी से नागरिक बन गए हैं।

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