जयपुर। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए, फैकल्टी ऑफ डिजाइन और द इंडियन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) स्टूडेंट चैप्टर ने एमयूजे कैम्पस के निर्माण यार्ड में बैंबू प्लांटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया। भारत विश्व में बैंबू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, और इसमें हमारे कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की महत्वपूर्ण क्षमता है। बैंबू मिट्टी के स्वास्थ्य और कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह बहुत तेजी से बढ़ता है, जिससे यह सतत विकास के लिए एक उत्कृष्ट संसाधन बन जाता है।
बैंबू के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एमयूजे फैकल्टी, नॉन-फैकल्टी और सहायक कर्मचारियों को आमंत्रित किया गया था। एमयूजे के प्रेसिडेंट, डॉ. जी.के. प्रभु ने बैंबू के पौधा लगाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उसके बाद प्रो-प्रेसिडेंट, कमोडोर डॉ. जवाहर एम. जांगिड़, रजिस्ट्रार डॉ. नीतू भटनागर और डीन ऑफ एफओडी प्रोफेसर (डॉ.) मधुरा यादव ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में फैकल्टी मैम्बर्स और सहायक कर्मचारी भी शामिल रहे। इस अवसर पर कुल दस बैंबू के पेड़ लगाए गए। डॉ. प्रभु ने सतत विकास के लिए इस तरह के और अधिक आयोजनों के महत्व पर जोर दिया।