शराब घोटाले में जेल से बाहर आये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल लोकसभा चुनाव में जीतने पर गारंटियों का भरोसा दे रहे है जनता जनार्दन को। खुद की पार्टी देशभर में सिर्फ दो दर्ज़न सीटों पर चुनाव लड़ रही है मगर ढोल ऐसा पीट रहे है जैसे लोकसभा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ रहे है।
गारंटियों में मुफ्त बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के साथ चीन द्वारा कब्जाई जमीन वापस लौटने की बात भी कही गई है। केजरीवाल 20 दिनों के लिए जेल से बाहर आये है और 2 जून को वापस जेल चले जायेंगे।
जेल से बाहर आते ही केजरीवाल मोदी पर हमलावर हो गए है और लोगों को बता रहे है मोदी जीते तो संविधान को ख़त्म कर देंगे और आगे चुनाव नहीं होंगे। खुद को कट्टर ईमानदार बताने वाले आज खुद भ्रष्टाचरण में जेल की हवा खा रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अन्ना आंदोलन के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करते तिहाड़ जेल में बंद हुए थे और आज वही केजरीवाल खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में तिहाड़ जेल में बंद है और तीन सप्ताह के लिए जेल से बाहर आये है।
इसे विधि का विधान ही कहा जायेगा कि अन्ना आंदोलन के दौरान सोनिया गांधी को भ्रष्टाचरण में जेल भेजने की मांग करने वाले अरविन्द केजरीवाल आज खुद तिहाड़ जेल में बंद है। मज़े की बात तो यह है कि सो निया गांधी आज केजरीवाल के समर्थन और बचाव में खड़ी है।
केजरीवाल अब सोनिया के स्थान पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे है। सियासी क्षेत्रों में यह बताने वालों की कोई कमी नहीं है कि अन्ना आंदोलन को हवा देने वालों में भाजपा और उनके पैरोकार बाबा रामदेव का बड़ा हाथ था। यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि वह आंदोलन खालिस कांग्रेस के खिलाफ था और परदे के पीछे भाजपा आग में घी डालने का काम कर रही थी।
जो भी हो अन्ना आंदोलन के प्रमुख नायकों में केजरीवाल का बड़ा नाम था। भ्रष्टाचार के खिलाफ ईमानदार सेनानी की उनकी छवि बन गई थी। केजरीवाल तीसरी बार तिहाड़ जेल पहुंचे हैं। इससे पहले केजरीवाल को दो बार गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा गया था।
पहली बार 2012 में अन्ना हजारे द्वारा चलाए गए भ्रष्टाचार रोधी आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था और दूसरी बार 2014 में नितिन गडकरी द्वारा दायर मानहानि के मामले में गिरफ्तार हुए थे। अन्ततोगत्वा केजरीवाल ने अन्ना का साथ छोड़कर अपनी पार्टी आम आदमी पार्टी का गठन कर लिया।
दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को भरपूर समर्थन दिया और आज भारी बहुमत से आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज है। इस दौरान पंजाब की सत्ता भी केजरीवाल की पार्टी ने हासिल कर ली। यह अलग बात है कि सत्ता मिलने के बाद केजरीवाल के अन्ना आंदोलन के प्रमुख साथी उनका साथ छोड़ गए। खुद अन्ना भी उनसे विरक्त हो गए।
केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज है। आश्चर्य की बात तो यह है कांग्रेस के खिलाफ लम्बा आंदोलन चलाकर कांग्रेस से दिल्ली का ताज छीनने वाले केजरी वाल आज खुद भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गए है और कांग्रेस उनके साथ खड़ी है। केजरीवाल शराब घोटाले में अपने साथी मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के साथ तिहाड़ जेल में बंद है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविन्द केजरीवाल की राजनीति बड़ी अजब गजब है। कांग्रेस के खिलाफ लम्बे जन आंदोलन के बाद आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ था। उस दौरान अन्ना आंदोलन अपने परवान पर था और केजरीवाल उनके प्रमुख सेनानी थे।
केजरीवाल ने अन्ना आंदोलन में कांग्रेस को नंबर एक भ्रष्टाचारी पार्टी घोषित कर सोनिया गाँधी को जेल भेजने की सार्वजनिक मांग की थी।
आज वही केजरीवाल कांग्रेस से गलबहियां बढ़ा रहे है। प्रधान मंत्री मोदी को उन्होंने अपना दुश्मन घोषित कर दिया है। लोगों का कहना है केजरीवाल ने मोदी पर अनाप शनाप आरोप लगाकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है, उसका खामियाजा उन्हें भुगतना होगा। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से चुनावी समझौता किया है।
मगर केजरीवाल की मुसीबत यहीं ख़त्म नहीं हुई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने वाले अरविन्द केजरीवाल आज खुद भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोपों से घिरे है। इसमें शराब घोटाला प्रमुख है जिसमें आप पार्टी के कई नेता और मंत्री जेल में बंद है।
जन आंदोलन की उपज आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल लगता है अपने ही बुने जाल में फंसते जा रहे है। लगातार विवादित भाषण उनके गले की फांस बन गए है।
बाल मुकुन्द ओझा