सीएचसी रामगढ़ एवं पीएचसी तलवाड़ाझील में आयोजित चिकित्सा शिविर में 8 नए मरीजों ने उपचार लेना शुरु किया

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हनुमानगढ़। जिला कलक्टर कानाराम के निर्देशन में सोमवार 5 मई को खण्ड नोहर की सीएचसी रामगढ़ एवं खण्ड टिब्बी की पीएचसी तलवाड़ाझील में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 8 नए मरीजों ने मनोचिकित्सक से काउंसलिंग के बाद नशा छोडऩे का प्रण लिया। नशा मुक्ति चिकित्सा शिविरों में आए 36 मरीजों की काउंसलिंग की।

सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिला कलक्टर कानाराम के निर्देशन में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि सोमवार 5 मई को सीएचसी रामगढ़ एवं पीएचसी तलवाड़ाझील में नशा मुक्ति शिविर आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि सीएचसी रामगढ़ में आयोजित शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. मनोज डूडी एवं सीएचसी इंचार्ज डॉ. राकेश सिंह ने मरीजों की जांच की। शिविर में 16 मरीज उपचार के लिए पहुंचे, जिनमें से 9 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 4 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार शुरु किया गया। शिविर में 2 मरीज चिट्टा एवं मेडिकेटिड नशों का सेवन करते थे, जिनकी भी काउंसलिंग की गई।

डॉ. शर्मा ने बताया कि पीएचसी तलवाड़ाझील में आयोजित शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. ओपी सोलंकी एवं पीएचसी इंचार्ज डॉ. अंकुर कुमार ने मरीजों की जांच की। शिविर में 20 मरीज उपचार के लिए पहुंचे, जिनमें से 12 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 4 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार शुरु किया गया। पूर्व में आयोजित नशामुक्ति शिविर में अपना उपचार करवा चुके 13 मरीज भी पुन: उपचार लेने के लिए शिविर में पहुंचे। शिविर में 7 मरीज चिट्टा एवं मेडिकेटिड नशों का सेवन करते थे, जिनकी भी काउंसलिंग की गई। शिविर में उपचार के लिए आए मरीजों एवं उनके परिजनों को नशों के दुष्प्रभाव से परिवार एवं समाज पर होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। अंत में सभी मरीजों एवं उनके परिजनों को नशा ना करने की शपथ दिलाई।

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