धौलपुर। राज्य सरकार की योजनाओं की पहुंच आमजन तक शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने की दिशा में प्रचार-प्रसार हेतु नव प्रसारक लगाए जाएंगे। प्रदेश सरकार द्वारा सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में जोड़ने के लिए कौशल आधारित नव प्रसारक नीति (योजना) जारी की गई है।
यह रहेगी नव प्रसारक नीति (योजना) और उद्देश्य
वर्तमान समय में सूचना एवं जनसम्पर्क में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने नए-नए कंटेंट के माध्यम से सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स स्थापित हुए हैं। ऎसे नए सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर्स का नव प्रसारक कार्यक्रम के माध्यम से कौशल विकास कर राज्य सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार में उन्हें जोड़ने से नए आयाम स्थापित होंगे। इन सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स के तहत कंटेंट क्रिएशन, वीडियो एडिटिंग, ऑडियो एडिटिंग, एसईओ, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, ब्रांडिंग और एनालिटिक्स आदि विभिन्न डिजिटल स्किल्स प्राप्त करने में सहयोग करते हुए उनसे विभिन्न सोशल मीडिया गतिविधियां करवाई जाएंगी।
यह रहेगी योग्यता
नव प्रसारक के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष, सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स की आधारभूत समझ, हिंदी और अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान, इंटरनेट इस्तेमाल करने का कौशल आदि निर्धारित किए गए हैं। इसी के साथ विशेष योग्यता के रूप में सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स के रूप में राज्य सरकार उन्हें मान्यता प्रदान करेगी, जो फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब में से किन्हीं एक पर अपना अकाउंट बनाकर किसी एक में नियमित कंटेंट अपलोड कर रहे हों। इसके लिए दो श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। श्रेणी ए में 1 लाख से अधिक सब्स्क्राइबर या फॉलोअर्स तथा श्रेणी बी में 7 हजार से 1 लाख तक सब्स्क्राइबर या फॉलोअर्स निर्धारित किए गए हैं। इसी के साथ सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स का अकाउंट एक वर्ष से चल रहा हो व अकाउंट पर गत एक वर्ष में 100 पोस्ट होनी चाहिए। जिले में श्रेणी ए एवं श्रेणी बी का एक–एक नव प्रसारक सूचीबद्ध किया जायेगा।
यह रहेगी चयन प्रक्रिया
जिले में कार्यरत जिला सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी निर्धारित योग्यता के आधार पर जिले के नव सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स (नव प्रसारक) का एक पैनल तैयार करेंगे, जो जिले के लिए तय नव प्रसारकों की संख्या का तीन गुना होगा। जिला सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी इस पैनल को राज्य स्तरीय समिति को भेजेंगे। राज्य स्तरीय समिति नव प्रसारकों के चयन का अंतिम निर्णय लेगी। राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।
नव प्रसारकों को दिया जाएगा कौशल प्रशिक्षण
चयनित सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर्स को सोशल मीडिया में पारदर्शिता, नैतिकता, डेटा सुरक्षा और कानूनी दायित्वों के बारे में जागरुक करने के साथ-साथ सोशल मीडिया के नए ट्रेंड्स, ट्रिक्स और टिप्स के लिए कौशल प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा। यह कौशल प्रशिक्षण अनुभवी इन्फ्लूएंसर्स, डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ या विषय विशेषज्ञ द्वारा वेबिनार के माध्यम से दिया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण के दौरान सोशल मीडिया की दुनिया में हो रहे नवाचारों का सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण की अवधि एक से दो घंटे रहेगी। यह वेबिनार सभी नवोदित सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स के लिए ओपन फॉर ऑल रखा जाएगा। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि में एक माह में दो बार दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में कोई भी नव प्रसारक हिस्सा ले सकेगा।
कौशल प्रशिक्षण के उपरांत यथोचित निर्देश दिए जाएंगे।
यह रहेंगी नव प्रसारकों की गतिविधियां
नव प्रसारक द्वारा राज्य सरकार के जनकल्याणकारी निर्णयों और योजनाओं के बारे में अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से प्रचार-प्रसार का कार्य करेंगे। नव प्रसारक द्वारा अपने कम से कम दो सोशल मीडिया अकाउंट्स (फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब) पर राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और निर्णयों से संबंधित एक पोस्ट प्रतिदिन अपलोड की जाएगी। इसी के साथ नव प्रसारकों के कार्य में राज्य सरकार के जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का आवश्यकतानुसार अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से लाइव प्रसारण करना अथवा शेयर/री-पोस्ट करना, राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित क्रिएटिव डिजाइन प्रतिदिन अपलोड करना, नव प्रसारक द्वारा राज्य सरकार के विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल्स की पोस्ट्स को प्रतिदिन शेयर/री-पोस्ट करना, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के साथ नियमित रूप से सोशल मीडिया कोलोबोरेशन करना, व्यक्तिगत रूप से जिला सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी के संपर्क में रहकर कार्य करना, प्रचार-प्रसार की गतिविधियों का उल्लेख करते हुए दैनिक डायरी मेंटेन करना व अपने मेंटर को बताना, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की वेबसाइट अथवा सोशल मीडिया प्लेटफाम्र्स पर उपलब्ध कंटेंट के आधार पर पोस्ट तैयार करके अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना आदि शामिल किया गया है। एक बार पोस्ट अपलोड करने के बाद नव प्रसारक अनावश्यक रूप से पोस्ट को डिलीट नहीं करेगा।
यह रहेगी कार्यक्रम की अवधि
कार्यक्रम की अवधि एक वर्ष होगी। वर्ष के अंत में, यदि मेंटर नव प्रसारक के प्रदर्शन के आधार पर कार्यक्रम की अवधि को बढ़ाने की सिफारिश करते हैं, तो कार्यक्रम की अवधि को छह माह के लिए बढ़ाया जा सकता है। यह अवधि अधिकतम दो बार बढ़ाई जा सकती है। किसी भी स्थिति में कार्यक्रम की अवधि दो वषोर्ं से अधिक नहीं होगी।
यह रहेंगे मेंटर
जिला सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी नव प्रसारक के मेंटर होंगे, जो समय-समय पर काम की प्रगति की समीक्षा करेंगे। नव प्रसारक जिला सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी से जुड़कर कार्य करेंगे। नव प्रसारक हर महीने या पूछे जाने पर मेंटर को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। मेंटर नव प्रसारक के लिए एक नोडल अधिकारी नामित कर सकता है, जो काम की निगरानी और अवलोकन के लिए जिम्मेदार होगा।
यह रहेगा मानदेय
चयनित नव प्रसारक को उनके स्वयं के अकाउंट पर प्रतिदिन की जाने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के लिए मेंटर के प्रमाणीकरण के बाद कार्य निष्पादन के स्वरूप एक मुश्त राशि का मासिक भुगतान किया जाएगा। श्रेणी ए नव प्रसारक को एक मुश्त 25 हजार रुपए तथा श्रेणी बी नव प्रसारक को एक मुश्त 15 हजार रुपए का मासिक भुगतान किया जाएगा। कार्यक्रम अवधि पूर्ण होने एवं अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के उपरांत ही अंतिम माह का मानदेय भुगतान किया जाएगा। यदि नव प्रसारक कार्यक्रम में शामिल होने के 01 माह के अन्दर कार्यक्रम छोड़ देता है तो उसे कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा। चयनित नव प्रसारक को मानदेय के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का कोई टीए/डीए एवं अन्य किसी भी प्रकार के भत्ते का भुगतान नहीं किया जाएगा।