राजस्थान में विकास की चुनौतियों को पूरा करने में राजस्थान के सांसद निभाएंगे अपनी भूमिका ?

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नई दिल्ली /जयपुर । राजस्थान के सात करोड़ से अधिक नागरिक आगामी 30 मार्च को राजस्थान का 76 वा स्थापना दिवस मनाएंगे। राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से भारत के सबसे बड़ा प्रान्त है जिसके एक ओर विशाल थार रेगिस्तान अपने पैर पसारे हुए है वहीं दूसरी ओर अरावली पर्वत श्रृंखलाएं और पिछड़ा आदिवासी क्षेत्र है। खान और खनिज से समृद्ध राजस्थान में खूबसूरत झीलें और वन अभ्यारण्य तहत विश्व प्रसिद्ध मशहूर किले,प्राचीन महल और मंदिर तथा शेखावाटी की हेरिटेज हवेलियां तथा विरासत का भंडार है जिसके कारण राजस्थान विश्व पर्यटन मान चित्र पर अपना एक अलग ही स्थान रखता है।

राजस्थान की इन खूबियों के साथ राज्य में भौगिलिक विषमताओं और पश्चिम राजस्थान में पाकिस्तान से सटी बहुत लंबा सीमावर्ती क्षेत्र है तथा मरुस्थलीय इलाकों की अपनी समस्याएं हैं। इसके वाबजूद राज्य में विकास की अथाह संभावनाएं है। विशेष कर सोलर एनर्जी तथा तेल रिफायनरी के क्षेत्र में आने वाले समय में होने वाले विकास के कारण प्रदेश की दशा और दिशा बदलने वाली है। इसके अलावा प्रदेश की भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना और राज्य के शेखावाटी अंचल के यमुना जल लाने के लिए प्रयासरत है जिससे पश्चिम राजस्थान के बाद पूर्वी और शेखावाटी क्षेत्र में पानी की कमी से उबरने के मदद मिलेगी।

केन्द्र और राजस्थान में दोनों में डबल इंजन भाजपा सरकार है जिसका लाभ उठाने के लिए भजन लाल सरकार काफी जतन कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में भी राजस्थान को अच्छा प्रतिनिधित्व मिला हुआ है तथा भूपेन्द्र यादव, गजेन्द्र सिंह शेखावत,अर्जुन राम मेघवाल, भागीरथ चौधरी आदि मंत्री राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अश्विनी वैष्णव हालांकि राज्यसभा सांसद उड़ीसा से है केकिन मूल निवासी राजस्थान के है।उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी राजस्थान के हैं। इसे देखते हुए राजस्थान के विकास के लिए इससे बढ़िया और कोई समय नहीं हो सकता।

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