‘कुर्बानी’ पर जब Irrfan Khan की टिप्पणी ने खड़ा कर दिया था बवाल, मौलवियों के पास नहीं थे अभिनेता के सवालों के जवाब

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अभिनेता इरफान खान अब इस दुनिया में नहीं है। वह शानदार एक्टिंक के साथ साथ शानदार विचार भी रखते थे। वह भले ही मुस्लिम थे लेकिन वह अपने ही धर्म की कुछ मान्यताओं और आतंकवाद के खिलाफ हमेशा बोलते थे। इरफान खान ने मुस्लिम धर्म के त्यौहार बरकी ईद को लेकर अपने विचार साझा किए थे जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के मौलवियों ने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अभिनेता इरफान खान रमजान के दौरान उपवास और बकरीद के दौरान कुर्बानी की परंपराओं पर अपनी टिप्पणी के बाद विवादों में घिर गए थे। एक साक्षात्कार में अभिनेता ने कहा था कि उपवास करने के बजाय लोगों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कुर्बानी के नाम पर जानवरों का वध किया जा रहा है। आगे विस्तार से बताते हुए इरफान ने कहा कि कुर्बानी का मतलब भेड़ या बकरी की जगह अपने किसी करीबी की कुर्बानी देना है।

‘पीकू’ अभिनेता ने कहा था कि आजकल धार्मिक गतिविधियों के पीछे की प्रासंगिकता खत्म हो गई है और लोग उनके पीछे के वास्तविक संदेश को जाने बिना ही उन्हें करते हैं। मुहर्रम पर टिप्पणी करते हुए अभिनेता ने कहा कि मुसलमानों ने मुहर्रम का मजाक उड़ाया है और जबकि यह शोक मनाने के लिए होता है, लोग इसे त्योहार की तरह मनाते हैं।

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