बांग्लादेशी कट्टरपंथियों ने एक और हिंदू मंदिर पर हमला कर दिया। 24 अगस्त की रात को पंचगढ़ जिले के सोनाहर गांव के इस मंदिर में मूर्तियां तोड़ दी गईं। इस बार जन्माष्टमी पर बांग्लादेश के हिंदू डरे हुए हैं क्योंकि वे अपने धर्म का ठीक से पालन नहीं कर पा रहे हैं। जन्माष्टमी भी नहीं मना पा रहे हैं। ढाका की हिंदू कॉलोनी जहां हर साल जन्माष्टमी पर जुलूस निकाला जाता था। लेकिन अब पूरी कॉलोनी में सन्नाटा नजर आया, ऐसा नहीं लग रहा कि ये जन्माष्टमी है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद कई दिनों तक हिंसा में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया तथा मंदिरों में तोड़फोड़ की गई। अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों के आंदोलन के बाद शेख हसीना पांच अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे कर भारत चली गईं।
इस्कॉन में नहीं मनाई जा रही जन्माष्टमी
इससे इतर भारत बांग्लादेश सीमा पर बांग्लादेश के मेहरपुर जिले में तख्तापलट के बाद जिस इस्कॉन मंदिर में उपद्रवियों ने आग लगाई थी। उस मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव नहीं मनाया जा रहा है। भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के आसपास के इलाके और जमात-ए-इस्लामी के गढ़ मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर पर हमला किया था था और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भगवत गीता को जला दिया। मंदिर के पुजारी सम्मोहन मुकुंद दास ने वीडियो जारी कर बताया कि मंदिर में हुई आगजनी और लूटपाट की घटना के बाद इस बार कृष्ण जन्माष्टमी नहीं मनाई जा रही है।