कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को इस साल जनवरी में अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को “सम्मानपूर्वक अस्वीकार” करने के पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक व्यक्ति के लिए “राजनीतिक” कार्यक्रम था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदस्य भगवान राम के उपासक हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भव्य भगवान राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान का नेतृत्व किया था।
बीजेपी पर लगाया ये आरोप
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में भाजपा पर “धर्म का राजनीतिकरण” करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह धर्म और राजनीति को भी नीचे लाता है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वे “राम के व्यापारी” हैं जबकि कांग्रेस सदस्य देवता के “पुजारी” हैं।
‘रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न पूरी तरह राजनीतिक था’
“22 जनवरी का जश्न राजनीतिक था। यह एक राजनीतिक व्यक्ति के लिए किया गया था। हम राम के उपासक हैं और वे (भाजपा) राम के व्यापारी हैं। दिलचस्प बात यह है कि आज मेरा जन्मदिन है। मेरा नाम -जयराम रमेश है – दोनों भाग मेरे नाम में ‘राम’ है। कोई भी हमें राम विरोधी नहीं कह सकता। धर्म का राजनीतिकरण धर्म और राजनीति को भी नीचे लाता है।”
22 जनवरी को हुई थी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह इस वर्ष 22 जनवरी 2024 को आयोजित किया गया था। कांग्रेस ने जनवरी में हुए इस कार्यक्रम में अपने वरिष्ठ नेताओं को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि यह “स्पष्ट रूप से आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम” था।