जयपुर। भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत ने कहा है कि सलूंबर विधानसभा सीट के उपचुनाव में गड़बड़ियां की गई हैं। लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया गया है। मुझे प्रत्याशी ने बताया कि मतगणना केंद्र में आखिरी के दो राउंड में निर्दलीय प्रत्याशियों के वोट को बीजेपी की उम्मीदवार के वोट में जोड़ने का काम किया गया है। सलूंबर में जीतेश कटारा BAP के प्रत्याशी थे। वह एक तरफ बहुमत से चुनाव जीत रहे थे। काउंटिंग के 13 और 14 राउंड के बाद मतगणना केंद्र पर देरी करना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा- इसके साथ निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर भी प्रत्येक राउंड के बाद जो अपडेट करना था, उसे रोक दिया गया था। आयोग अपनी ही वेबसाइट पर एक राउंड के दो बार अलग-अलग डेटा अपडेट कर रहा था। संशोधित कर डेटा अपडेट कर रहा था। राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो जारी कर ये आरोप लगाए हैं।
जल्दबाजी में दिया जीत का प्रमाण पत्र
राजकुमार रोत ने कहा- इस विधानसभा सीट के उपचुनाव में लोकतंत्र की हत्या करने का काम किया गया है। हम निर्वाचन आयोग पर सवाल खड़े नहीं कर रहे हैं। रिकाउंटिंग की जो प्रक्रिया थी। उसके लिए आवेदन करने के बाद भी बीजेपी नेताओं ने रिटर्निंग अधिकारियों को न जाने कौन-सा पाठ पढ़ाया कि उन्होंने रिकाउंटिंग की जगह बीजेपी प्रत्याशी को जीत का प्रमाण पत्र ही दे दिया। इस दौरान हमारी पार्टी के प्रत्याशी के साथ धक्का-मुक्की तक की गई।
दौसा में रिकाउंटिंग हुई तो सलूंबर में क्यों नहीं
BAP सांसद रोत ने कहा- निर्वाचन आयोग की ओर से करवाई गई रिकॉर्डिंग में भी इस बात की जानकारी है कि उस कमरे में उस वक्त बहुत लोग पहुंच गए थे। अगर निर्वाचन आयोग और बीजेपी के लोग गलत नहीं थे तो उन्हें हमारे प्रत्याशी की रिकाउंटिंग की अपील का समर्थन करना चाहिए था। सलूंबर में भी रिकाउंटिंग होनी चाहिए थी। जिस तरह से दौसा में बीजेपी हार रही थी, तब वहां रिकाउंटिंग की प्रक्रिया को अपनाया गया। जबकि जीत का अंतर 2000 से ज्यादा का था। वहीं, सलूंबर में 1000 वोट जीत का अंतर था। यहां पर रिकाउंटिंग की प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया, जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक फैसला है।