कोटा। राज्य में जल संकट की स्थिति पर काबू पाने और भू जल संरक्षण की दूरगामी सोच के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 की शुरुआत कर गांवों को जल स्वावलम्बी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है। वर्षा जल के अधिकतम संग्रहण, संरक्षण एवं उपलब्ध जल का न्यायोचित उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 का शुभारम्भ फरवरी 2024 में किया गया था जिसके प्रथम चरण के कार्य पूर्णता की ओर बढ़ रहे हैं। हरियाली तीज पर 7 अगस्त को हरियालो राजस्थान अभियान के साथ ही एमजेएसए 2.0 के पूर्ण हुए कार्यो का सांकेतिक शुभारम्भ प्रत्येक पंचायत समिति में एक-एक कार्य का उद्घाटन कर किया जाएगा। नवनिर्मित जल संग्रहण संरचनाओं को हरियाली से संवारा जाएगा।
पहले व्यर्थ बह जाता था वर्षा जल, अब हो रहा संचय
एमजेएसए 2.0 अभियान में ऐसे क्षेत्र जहां वर्षा जल का संचय नहीं हो पाता और बडी मात्रा में जल राशि व्यर्थ बह जाती है,ं वर्ष पर्यन्त जल संकट बना रहता है, प्राथमिकता से शामिल किए गए हैं। प्रत्येक पंचायत समिति में ऐसे जल संकटग्रस्त स्थानों को चिह्नत कर आवश्यकता अनुरूप जल संग्रहण संरचनाएं तैयार करवाई जा रही हैं। अभियान क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष जिला कलक्टर डॉ रविन्द्र गोस्वामी के निर्देशन में टाइमलाइन आधारित रणनीति से शुरू किए गए कार्य तय समय पर पूर्ण होते हुए अपनी सार्थकता सिद्ध कर रहे हैं। वर्षाकाल आते-आते पूर्ण हुए कार्यों से नवनिर्मित संरचनाआंे मंे जल संग्रह होने लगा है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक त्यागी ने बताया कि अभियान अन्तर्गत विभिन्न लाइन विभागों द्वारा चरागाह विकास, अर्दन चेक डैम, मेड़बंदी, एनीकट, नाला डीपनिंग, सीसीटी, एसजीटी, एमपीटी,रूफ टॉप, वाटर हार्वेस्टिंग संरचना आदि कार्य सम्मिलित हैं। जिले की पांचों पंचायत समितियों में प्रथम चरण में 19 ग्राम पंचायतों के 71 गांवों में कार्य कराए जा रहे हैं जो कृषि, वन, उद्यानिकी, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, जल संसाधन तथा भू-जल संरक्षण विभागों द्वारा कार्य हाथ में लिए गए हैं। इन कार्यों से 33755.03 हैैक्टेयर क्षेत्र लाभान्वित होगा।
अभियान अन्तर्गत जिले में 52 करोड़ से अधिक लागत के 1769 कार्य जिला स्तरीय समिति द्वारा स्वीकृत किए गए हैं, इनमें से 483 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 384 प्रगतिरत् हैं। पूर्ण हो चुके कार्यों में से हर पंचायत समिति के एक कार्य को उद्घाटन के लिए चुना गया है।
इन कार्यों का होगा शुभारम्भ
अतिरिक्त मुख्य अभियंता जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण उमेश चंद गुप्ता ने बताया कि इटावा के खातौली में तलाई खुदाई कार्य बूडी बीड में कराया गया जहां तलाई के गहरी होने से वर्षा जल संचय होने लगा है। इस कार्य से ग्रामीणों को दैनिक कामकाज और पशुओं के लिए पानी की उपलब्धता रहेगी वहीं क्षेत्र का जलस्तर बढेगा। खैराबाद के देवली खुुर्द में तलाई रिनोवेशन कार्य हरिपुरा रोड के पास कराया गया है जिससे वर्षा जल संग्रहण हो सकेगा। इसी तरह लाडपुरा में बोराबास क्षेत्र में बग्गी रास्ते के पास तलाई निर्माण कराया गया है। सांगोद की ग्राम पंचायत झालरी में गोपालपुरा शमशान के पास तलाई रिनोवेशन कर अमृत सरोवर का विकास किया गया है। सुल्तानपुर के टाकरवाड़ा में अमृत सरोवर वेस्ट वियर निर्माण मुख्य तलाई से किया गया है। इन कार्याें के पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप जल संरचनाओं में वर्षा जल का संग्रहण होने लगा है जो आने वाले दिनों में क्षेत्र में पानी की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इन जल संरचनाआंे को अब हरियाली से संवारा जाएगा।

जल आत्मनिर्भर बनेंगे गांव: भूजल राशि का होगा संचय, मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच को साकार कर रहा एमजेएसए 2.0
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