जंगली हाथी के हमले में एक व्यक्ति की मौत के बाद इस पहाड़ी जिले में बुधवार को लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस में व्यक्ति के शव को रख कर एक राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। रविवार को हाथी के हमले में गंभीर रूप से घायल हुए 52 वर्षीय राजू की मंगलवार को कोझिकोड के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। सुल्तान बाथरी के पास कल्लूर में प्रदर्शनकारियों ने सरकार से वायनाड में मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए स्थायी समाधान ढूंढने की मांग की।
उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे मंत्री ओ. आर. केलू के प्रति भी नाराजगी जताई। प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और उसके पुत्र को स्थायी सरकारी नौकरी देने की मांग की। रविवार की रात राजू अपने खेत से घर लौट रहा था। रास्ते में आठ बज कर करीब 45 मिनट के आसपास खेत के पास खड़े एक जंगली हाथी ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसके पेट और पैर में चोटें आईं। इस वर्ष की शुरुआत में केरल में जंगली हाथियों के हमलों के कारण कई मौतें हुईं। हाथी के हमलों में 50 वर्षीय वन रक्षक पॉल, 42 वर्षीय वायनाड निवासी अजी, 65 वर्षीय संपदा रक्षक लक्ष्मणन (सभी वायनाड निवासी) और इडुक्की जिले की महिला इंदिरा रामकृष्णन की जान जा चुकी है।
 


