नई दिल्ली। सीपीवीसी और यूपीवीसी प्लम्बिंग पाइप और फिटिंग्स बनाने वाली कंपनी विगोर प्लास्ट इंडिया लिमिटेड के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में प्रीमियम एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 81 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 4.94 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 85 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण कंपनी के शेयर में तेजी आ गई। सुबह 11 बजे तक का कारोबार होने के बाद कंपनी के शेयर 89 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इस तरह से कंपनी के आईपीओ निवेशकों को अभी तक के कारोबार में 9.88 प्रतिशत का मुनाफा हो चुका है।
विगोर प्लास्ट इंडिया लिमिटेड का 25.10 करोड़ रुपये का आईपीओ 4 से 9 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 3.88 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 3.94 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 7.03 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 2.49 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 20.25 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 6 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अहमदाबाद में अपना नया वेयर हाउस बनाने, पुराने कर्ज को चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 30 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 2.93 करोड़ रुपये के स्तर पर और 2024-25 में उछल कर 5.15 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 10 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 46 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी पर कर्ज में भी उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 11.29 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 21.57 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 17.72 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो यह वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 1.14 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 4.07 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 4.93 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।