Venezuela के राष्ट्रपति चुनाव में Nicolas Maduro की जीत के बाद क्यों मचा संग्राम? कई देशों ने उठाए सवाल, हिंसक प्रदर्शन जारी

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वेनेजुएला में विरोध प्रदर्शन शुरू हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि चुनाव अधिकारी ने आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को तीसरी बार विजयी घोषित किया। ऐसा करते ही निकोलस का कार्यकाल 2031 तक बढ़ गया। चुनाव निकाय की घोषणा के खिलाफ, विपक्षी उम्मीदवार एडमंडो गोंजालेज ने दावा किया है कि उनके अभियान के पास इस बात का सबूत है कि जीत उन्ही की हुई थी। सत्तारूढ़ दल एक वफादार पांच-सदस्यीय चुनाव परिषद और लंबे समय से स्थानीय पार्टी समन्वयकों के एक नेटवर्क के माध्यम से मतदान प्रणाली पर कड़ा नियंत्रण रखता है, जिनकी मतदान केंद्रों तक लगभग अप्रतिबंधित पहुंच होती है और उन्होंने देश भर के मतदान केंद्रों से वोटों की संख्या जारी नहीं की है।

वेनेज़ुएला विपक्ष क्या दावा कर रहा है?
मादुरो के करीबी राष्ट्रीय चुनाव परिषद के अध्यक्ष एल्विस अमोरोसो ने मादुरो को 51% वोट मिले हैं। मुख्य विपक्षी उम्मीदवार एडमुंडो गोंजालेज के खाते में 44% वोट गए हैं। 80% बैलट गिन लिए गए हैं। सभी विपक्षी नेता मादुरो को सत्ता से हटाने के लिए एडमुंडो के साथ जुटे थे। विपक्ष ने नतीजों की धोखाधड़ी बताकर खारिज कर दिया। दावा किया एडमुंडो ने 70% वोटों से जीत हासिल की है। गोंजालेज और विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने रविवार के चुनाव से 70% से अधिक टैली शीट प्राप्त की हैं, और वे गोंजालेज को मादुरो के दोगुने से अधिक वोटों के साथ दिखाते हैं।
कई देशों ने जताया ऐतराज
कई देशों ने अभी तक वेनिज्वेला के चुनाव नतीजों को मान्यता नहीं दी। साथ ही चुनाव की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि यह गंभीर चिंता है कि घोषित परिणाम वेनिज्वेला के लोगों की इच्छा को नहीं दर्शाता। हर वोट की गिनती निष्पक्ष तरीके से हो। ब्रिटेन ने कहा कि वह गड़बड़ी के आरोपों से चितित है। यूरोपियन यूनियन का कहना है कि लोगों की इच्छा का सम्मान किया जाना चाहिए। वोटों की सही गिनती सुनिश्चित करना अहम है।

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