बीकानेर। आम आदमी की पीड़ा, उम्मीदें और उसका संघर्ष जब एक साहित्यकार शब्दों में ढाल कर किताब की शक्ल में आवाम के बीच प्रस्तुत करता है तो वह इतिहास, वर्तमान और भविष्य को एक साथ साधने का महती कार्य करता है। यह कहना था केंद्रीय विधि मंत्री और लोक संस्कृति के मर्मज्ञ अर्जुन राम मेघवाल का जो राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के आंशिक आर्थिक सहयोग और सोशल प्रोगेसिव सोसायटी बीकानेर द्वारा प्रकाशित बीकानेर के युवा साहित्यकार संजय जनागल के कथा संग्रह उम्मीदों का आसमान का विमोचन कर रहे थे ।
इस अवसर पर संजय जनागल ने अपनी रचनाओं पर बात करते हुए कहा कि समाज की विडंबनाएं और असमानताएं उनको लिखने के लिए मजबूर करती है और वे उन कथा सूत्रों को कहानियों के रूप में समाज तक पहुंचने की पुरजोर कोशिश करते हैं । यह पुस्तक झंवर पन्नू और प्रिशा जनागल को समर्पित है। कुल 9 कहानियों से सजा ये गुलदस्ता हिंदी कहानियों का उम्दा किताब है। किताब उम्मीदों का आसमान के विमोचन समारोह में झंवर पन्नू, अशोक जनागल, डॉ सुशील मोयल, गुमानसिंह राजपुरोहित, डॉ मुकेश पन्नू, डॉ अंशुल, योगेश पंवार, छगन परिहार, सतीश चंद्र, नंदकिशोर बारूपाल, भंवर लाल, शिव कुमार,छगन लीलावत, मनीष कुमार, राजकुमार,सन्नी,किशन पंवार, महेश चौहान, इंदु पन्नू, शौर्य आदि की गरिमामय उपस्थिति रही।



