प्रतापगढ़। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने जल एवं ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य में नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं, जिनमें जल जीवन मिशन और ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएं शामिल हैं।
राज्य सरकार ने ‘नल से जल’ योजना के तहत 6,091 करोड़ रुपये व्यय कर 11 लाख 17 हजार परिवारों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया है। अब तक 30 वृहद परियोजनाओं और 1,618 लघु परियोजनाओं को पूर्ण कर 4,951 गांवों को लाभान्वित किया जा चुका है। यह राज्य में जल संकट को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इसके अतिरिक्त, बाड़मेर में नर्मदा नहर आधारित दो वृहद् परियोजनाओं और जोधपुर एवं फलौदी में जल जीवन मिशन के तहत इंदिरा गांधी नहर परियोजना पर आधारित चार वृहद् पेयजल परियोजनाओं का कार्य पूरा कर 592 गांवों को जल उपलब्ध कराया गया है। इन परियोजनाओं पर कुल 927 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं।
शहरी पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ‘अमृत 2.0’ योजना के अंतर्गत प्रदेश के 183 शहरों की जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार हेतु 5,123 करोड़ रुपये के कार्यों को स्वीकृति दी गई है। इससे नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की समस्या के समाधान में सहायता मिलेगी।
गत कुछ वर्षों में राजस्थान का ऊर्जा क्षेत्र गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा था। कोयले की भारी कमी के कारण राज्य के थर्मल प्लांट संकट में थे, जिससे प्रदेश की ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हो रही थी। वर्तमान सरकार ने सत्ता में आते ही इस संकट को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए।
सरकार ने केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार के साथ समन्वय कर परसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक से कोयला खनन पुनः प्रारंभ कराया। इससे अब प्रदेश के थर्मल संयंत्रों को कोयले की भरपूर आपूर्ति मिल रही है, जिससे ऊर्जा संकट पर नियंत्रण पाया गया है।
ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के साथ 35,138 मेगावाट की ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं के लिए 1.58 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) किए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम एवं पावर ग्रिड के बीच 10,000 करोड़ रुपये का एमओयू संपन्न हुआ है।
राजस्थान सरकार ने जल एवं ऊर्जा क्षेत्र में जो ऐतिहासिक सुधार किए हैं, वे राज्य की बुनियादी संरचना को मजबूत करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। ‘नल से जल’ योजना के अंतर्गत घर-घर स्वच्छ जल पहुंचाने की प्रतिबद्धता को पूरा किया जा रहा है, वहीं ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी ठोस पहल की गई है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इन योजनाओं के क्रियान्वयन से राजस्थान आने वाले वर्षों में जल एवं ऊर्जा क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।



