मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में अंत्योदय का संकल्प धरातल पर तेजी से हो रहा साकार

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जयपुर। राजस्‍थान में 17 सितम्बर से प्रारंभ हुए शहरी सेवा शिविर और ग्रामीण सेवा शिविरों के माध्यम से लाखों लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया है। इन शिविरों ने अट्ठारह विभागों की सेवाओं को एक ही छत के नीचे आमजन को उपलब्ध करवाकर सुशासन की नई मिसाल कायम की है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार जनसेवा के मूल मंत्र को धरातल पर साकार करने के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर प्रारंभ हुए ये शिविर मुख्यमंत्री शर्मा की जनकेन्द्रित कार्यक्रमों का प्रमुख उदाहरण के रूप में उभरे हैं। इन्होंने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को मूर्त रूप दिया है। प्रशासन ने आमजन की दहलीज पर पहुंचा और जनोपयोगी कार्यों का संवेदनशीलता और पारदर्शिता से निस्तारण किया।

अंत्योदय के लक्ष्य की प्राप्ति में ये शिविर अहम साबित हुए हैं। इनसे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी को राहत मिली है। सेवा शिविरों के अब तक (17 सितम्बर से 25 अक्टूबर) 1 लाख 99 हजार से अधिक पट्टा वितरण और 2 लाख 67 हजार से अधिक मंगला पशु बीमा पॉलिसी जारी की गई है। साथ ही, 1 लाख 25 हजार से अधिक जन्म-मृत्यु व विवाह पंजीयन, 2 लाख 8 हजार से अधिक जाति प्रमाण पत्र और 1 लाख 75 हजार से अधिक मूल निवास प्रमाण पत्र वितरित किए गए हैं।

इसी प्रकार 2 लाख से अधिक सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स का सत्यापन, 1 लाख 51 हजार से अधिक जनधन योजना के अंतर्गत बैंक खातों का खोलना तथा 1 लाख 42 हजार से अधिक नई स्ट्रीट लाइट्स को लगाना और मरम्मत कार्य किए गए हैं। वहीं, 17 लाख से अधिक किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओं की एनीमिया तथा 10 लाख 96 हजार से अधिक नागरिकों की टीबी की जांच के साथ 24 लाख 84 हजार से अधिक मरीजों का उपचार किया गया।

प्रदेशभर में आयोजित हुए इन शिविरों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर 97 हजार से अधिक प्रकरणों का निस्तारण और जन आधार योजना में 1 लाख 14 हजार से अधिक पात्रों का संशोधन और अद्यतन किया गया। वहीं, 25 हजार से अधिक लोगों के स्वनिधि योजना के अंतर्गत ऋण आवेदन लेने के साथ ही 75 हजार से अधिक को वय वंदन कार्ड जारी किए गए।

ये शिविर ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हुए हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इन शिविरों में 1 लाख 56 हजार से अधिक भू-राजस्व शुद्धिकरण प्रकरणों और 1 लाख 25 हजार से अधिक नामांतकरण प्रकरणों का निस्तारण करने के साथ ही 1 लाख 19 हजार से अधिक फार्मर रजिस्ट्री में पंजीयन किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि ग्रामीण सेवा शिविरों में रजिस्ट्री, पट्टे, गिरदावरी, कुर्रेजात, विभाजन, नामांतरण, प्रमाण पत्र और अन्य विभिन्न कार्यों के साथ ही पात्र व्यक्ति और परिवारों को वृहद् स्तर पर जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया। वहीं शहरी सेवा शिविरों में सड़कों, नालियों और सीवर लाइन की मरम्मत, सार्वजनिक स्थलों के सौंदर्यीकरण आदि के साथ ही जन्म-मृत्यु या विवाह पंजीयन, पट्टे, एनओसी, ट्रेड लाइसेंस, नामांतरण, भवन स्वीकृति, टैक्स जमा, सीवर कनेक्शन, जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।

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