बाल अधिकार सप्ताह अंतर्गत बाल संरक्षण हेतु आकर्षक गतिविधियों व कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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बूंदी। बाल अधिकार सप्ताह के चौथे दिन बाल अधिकारों और बच्चों को दुर्व्यवहार और शोषण से बचाने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने, बाल विवाह व बाल श्रम रोकथाम तथा बालिका शिक्षा प्रोत्साहन हेतु ज़िला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग, एक्शनएड-यूनिसेफ़ व चाईल्ड लाईन द्वारा आकर्षक गतिविधियों व जागरूकता शिविर का आयोजन जवाहर नगर स्थित ज्योतिबा फुले कन्या आवासीय छात्रावास में किया जाएगा।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक हुकुम चंद जाजोरिया ने बताया कि बाल विवाह व बाल श्रम मुक्त बूंदी हेतु ज़िला कलेक्टर के निर्देशों की अनुपालना में बालक-बालिका के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने, बच्चों व बालिकाओं के लिए सुरक्षात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से जागरूकता कार्यक्रमो का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही विभाग द्वारा एक्शनएड-यूनिसेफ़ व चाईल्ड लाईन के साथ मिलकर 14 नवंबर से 20 नवंबर तक साप्ताहिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को धनेश्वर के राजकीय विद्यालयों में बाल अधिकार जागरूकता व प्रशिक्षण कार्यकर्मों का आयोजन किया गया था जबकि आज चौथे दिन रविवार को ज्योतिबा फुले कन्या आवासीय छात्रावास में वाद-विवाद, चित्रकला प्रतियोगिता व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य प्रशिक्षक एवं एक्शन एड ज़िला समन्वयक ज़हीर आलम ने उपस्थित बच्चों और किशोरियों को बाल दिवस के महत्व के बारे में विस्तार से बताया और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, बाल अधिकार और बाल संरक्षण के बारे में जागरूक किया साथ ही गतिविधियों के माध्यम से इच्छाओं और आवश्यकताओं के माध्यम से बाल अधिकारों व बाल संरक्षण को समझाते हुए कहा कि अलग-अलग लोगों की इच्छाएं और आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं, लेकिन अधिकार बुनियादी ज़रूरतें हैं जो सभी के लिए समान हैं। हर बच्चे के पास अधिकार हैं, इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह किस क्षेत्र/राज्य से हैं, किस समुदाय या धर्म से हैं, उनकी उम्र कितनी है, वे लड़का है या लड़की, दिव्यांग है या नहीं-सभी के अधिकार समान है। किसी भी स्थिति में अधिकारों से समझौता नहीं किया जा सकता। सभी इच्छाएं जरूरत नहीं होती हैं लेकिन कुछ निश्चित रूप से हैं। जैसे- जीवित रहने के लिए आवश्यक चीज़े-भोजन, स्वास्थ्य, देखभाल, आश्रय। संरक्षक के रूप में हम सब को यह जानने की ज़रुरत है कि क्या हो रहा है था। उन्हें केवल व्यक्तियों के रूप में नहीं, बल्कि एक समूह के रूप में एकजुट करने और रक्षा करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर चाईल्ड लाईन समन्वयक राम नारायण गुर्जर ने चाईल्ड लाईन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बाल संरक्षण की महत्ता पर चर्चा की।
कार्यक्रम में बाल अधिकारिता से गोविंद कुमार, दीपिका विशिष्ट, सरफराज़ आलम, चाईल्ड लाईन टीम से पिंकी राठौड़, अर्चना मीना, मुकेश गोस्वामी, रविराज प्रजापत, अब्दुल क़ादिर, कमलेश, कलावती आदि उपस्थित रहे।

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