गाजा में फिलीस्तीनियों के ‘जनसंहार जैसी हत्या’ पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने की इजराइल की निंदा

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जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने सोमवार को इजराइल पर गाजा में फिलीस्तीनी नागरिकों के “सामूहिक नरसंहार” और “जीवनरक्षक सहायता में बाधा डालने” का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इजराइल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के सामने जवाब देना होगा। मानवाधिकार परिषद (ह्यूमन राइट, काउंसिल) के 60वें सत्र को संबोधित करते हुए तुर्क ने चेतावनी दी कि इजराइली अधिकारियों की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे “जनसंहारात्मक भाषा” और फिलीस्तीनियों के “अमानवीयकरण” ने विश्व जनमत को झकझोर दिया है। तुर्क ने कहा, “फिलीस्तीनी नागरिकों की सामूहिक हत्या, अवर्णनीय पीड़ा, ढांचागत तबाही, मानवीय सहायता में रुकावट, नागरिकों को भुखमरी की ओर धकेलना, पत्रकारों की हत्या और युद्ध अपराध पर युद्ध अपराध- ये सब अंतरात्मा को झकझोर देने वाले अपराध हैं।” इजराइल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि तुर्क तथ्यों की अनदेखी कर रहे हैं। जिनेवा में इजराइल के राजदूत डैनियल मेरोन ने बयान जारी कर कहा कि “हाई कमिश्नर, इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार और नागरिकों की सुरक्षा के प्रयासों को नजरअंदाज कर निराधार आरोप फैला रहे हैं।” गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइली सैन्य अभियान में अब तक लगभग 63,000 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि वैश्विक निगरानी संस्थाओं ने चेताया है कि गाजा के कुछ हिस्सों में अकाल जैसी स्थिति पैदा हो गई है। तुर्क ने अपने संबोधन में दुनिया भर के अन्य संकटों का भी उल्लेख किया। उन्होंने यूक्रेन पर रूस के हमले, म्यांमार और कांगो में जारी हिंसा, तथा अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय ढांचों से पीछे हटने (जैसे पेरिस जलवायु समझौते और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार तंत्र) को “गंभीर रूप से निराशाजनक” बताया।

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