-सुदृढ स्वास्थ्य के लिए जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी जरूरी
कोटा। सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता वाला घटक है और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ-साथ सामुदायिक चेतना और जनभागीदारी इसके लिए आवश्यक शर्तें हैं। ये विचार भारत सरकार के आवासन एवं शहरी मामलात विभाग द्वारा समर्थित रीजनल स्पेशियलाइज्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम-नेशनल हैल्थ मिशन, चैलेंजेस टू हैल्थकेयर सर्विेसेज में उभरकर आए। रीजनल सेंटर फॉर अरबन एंड एनवायरनमेंटल स्टडीज तथा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ लोकलसेल्फ गवर्नमेंट, मुंबई के तत्वावधान में यह दो दिवसीय कार्यक्रम गुरूवार को स्टेशन क्षेत्र के एक होटल में प्रारंभ हुआ जिसमें विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों में महत्वपूर्ण जानकारियां संभागियों को दीं।
उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उप निदेशक स्थानीय निकाय डॉ अनुपमा टेलर थी। उन्हांेंने स्वच्छता और स्वास्थ्य का गहरा संबंध बताते हुए इन दोनों को जीवन में गंभीरता से अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि वैश्विक गांव में जी रही वर्तमान पीढी के समक्ष खडी चुनौतियों का मुकाबला जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी से ही किया जा सकेगा। विषय विशेषज्ञ डॉ मंगला गोमारे, पूर्व कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी वृहन्मुंबई ने मौजूदा आबादी और आवश्यकताओं के अनुपात में वांछित स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि सेवाओं के विस्तार से ज्यादा जरूरत जागरूकता और जनभागीदारी की है। उन्होंने गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, संसाधन, बजट, चुनौतियों पर विस्तार से अपनी बात रखी। विशिष्ट अतिथि सीएमएचओ डॉ जगदीश सोनी रहे।
एनयूएलएम की परियोजना प्रबंधक डॉ हेमलता गांधी ने संतुलित भोजन और सतरंगी आहार योजना की जानकारी देते हुए इसे अपनाने पर जोर दिया। समन्वय संस्थान के केन्द्र प्रबंधक अनुज अस्थाना एवं वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी मलिका अंसारी ने किया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में शुक्रवार को विभिन्न तकनीकी सत्रों में विषय विशेषज्ञ जानकारियां दंेगे।