जनजाति पशुपालकों को मिलेगा संबल, मुर्गी इकाई एवं बीजू बकरा वितरण के लिए मांगे आवेदन

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उदयपुर। जनजाति समाज से जुड़े पशुपालकों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने को लेकर सरकार कटिबद्ध है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना वर्ष 2022-23 के अन्तर्गत उदयपुर एवं सलूम्बर जिलों के 265 चयनित राजस्व गांवों के पशुपालकों को मुर्गी इकाई वितरण/बीजू बकरा वितरण को लेकर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसके तहत पशुपालकों को मुर्गी इकाई एवं बीजू बकरों का वितरण किया जाएगा, जिससे जनजाति समाज आर्थिक उन्नयन की राह पर अग्रसर हो सके।

यह है प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना
केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 2021-22 से 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन के लिए प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई) नामकरण के साथ जनजातीय उप-योजना (एससीए से टीएसएस) के लिए विशेष केंद्रीय सहायता की मौजूदा योजना को नया रूप दिया है। इसका उद्देश्य 4.22 करोड़ (कुल जनजातीय आबादी का लगभग 40 फीसदी) की जनसंख्या को कवर करने वाले महत्वपूर्ण जनजातीय आबादी वाले गांवों को मॉडल गांव (आदर्श ग्राम) में रूपांतरित करना है।

इसके तहत अधिसूचित जनजातियों के साथ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कम से कम 50 फीसदी अनुसूचित जनजाति आबादी और 500 अनुसूचित जनजाति वाले 36,428 गांवों को कवर करने की परिकल्पना की गई है। योजना का मुख्य उद्देश्य चयनित गांवों के एकीकृत सामाजिक- आर्थिक विकास को प्राप्त करना है।

उदयपुर के 180, सलूम्बर के 85 गांव चयनित

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ शरद अरोड़ा ने बताया कि योजना के तहत मुर्गी इकाई एवं बीजू बकरा इकाई वितरण के लिए उदयपुर जिले के 180 तथा सलूम्बर के 85 सहित कुल 265 गांवों का चयन किया गया है। इनमें से 75 गांवों में प्रत्येक गांव में मुर्गी की 12 इकाई (प्रति इकाई में 22 चूजे) तथा 190 गांवों में प्रत्येक गांव में मुर्गी की 16 इकाई का वितरण किया जाना है। वहीं 265 गांवों में से प्रत्येक गांव में बीजु बकरे की 3 इकाई (प्रति इकाई एक बीजु बकरा) वितरित की जाएंगी। विभिन्न चयनित राजस्व ग्रामों के इच्छुक लाभार्थी/पशुपालक 7 दिवस में अपना आवेदन मय दस्तावेजों के साथ चयनित राजस्व ग्राम के नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था में जमा करा सकते हैं।

यह पशुपालक कर सकते हैं आवेदन

डॉ अरोड़ा ने बताया कि योजना में चयनित राजस्व ग्राम के जनजाति वर्ग के पशुपालक आवेदन कर सकत हैं। इसके लिए पशुपालक की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा वह कम से कम पांचवीं कक्षा पास होना आवश्यक है। एक परिवार से एक लाभान्वित का ही चयन होगा (चाहें राशनकार्ड या जनआधार कार्ड अलग-अलग क्यों ना हों)। आवेदन के लिए आधार कार्ड, विधवा/विकलांग/कमजोर आय वर्ग, भूमिहीन अथवा लघु सीगान्त से संबंधित दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य होगा। चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत जनजाति वर्ग के विधवा/विकलांग एवं भूमिहीन का चयन आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने पर प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। कमजोर आयवर्ग, लघु सीमान्त एवं अन्य जनजाति वर्ग के आवेदन अनुमोदित गतिविधियों से अधिक होने पर उनका चयन लॉटरी सिस्टम के आधार पर किया जाएगा।

बीजू बकरा के लिए आवेदन करने वाले आवेदक के पास पूर्व में बकरियों का होना व मुर्गी इकाई के इच्छुक आवेदक के पास पूर्व में मुर्गियों का होना आवश्यक है। इच्छुक आवेदक केवल एक श्रेणी (बीजू बकरा वितरण अथवा मुर्गी इकाई वितरण) में ही आवेदन कर सकते हैं। चयनित लाभार्थियों की सूचियों का अनुमोदन संबधित ग्राम पंचायत के सरपंच/जनप्रतिनिधि द्वारा किया जाना आवश्यक है।

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