श्रीगंगानगर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के सुनियोजित खेती विकास केंद्र द्वारा ‘सूक्ष्म सिंचाई तकनीकें‘ विषय पर पदमपुर कृषि विज्ञान केंद्र में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
राष्ट्रीय सुनियोजित कृषि एवं बागवानी समिति नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस प्रशिक्षण में कृषि महाविद्यालय बीकानेर के इंजीनियर जितेन्द्र गौड़ ने नहरी क्षेत्रों में डिग्गी आधारित खेती के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बूंद-बूंद सिंचाई, फव्वारा सिंचाई व मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई की स्थापना एवं रख-रखाव की जानकारी दी।
पूर्व क्षेत्रीय निदेशक अनुसन्धान, कृषि अनुसन्धान केंद्र, श्रीगंगानगर डॉ. बी. एस. यादव ने खेती में जल बचत हेतु कम पानी की आवश्यकता वाली फसलें लगाने तथा फसल विविधिकरण अपनाने की राय दी। उपनिदेशक उद्यान श्रीमती प्रीति गर्ग ने उद्यान विभाग द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए बागवानी फसलों में सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने तथा सौर ऊर्जा चालित पंप लगाने की अपील की। कृषि विज्ञान केंद्र पदमपुर के मृदा विशेषज्ञ श्री राजवीर ने मृदा व जल के नमूने लेने की विधि समझाते हुए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व बताया।
कृषि विज्ञान केंद्र, पदमपुर के उद्यान विशेषज्ञ डॉ नवल किशोर ने उद्यानिकी फसलों में बूंद-बूंद सिंचाई के साथ प्लास्टिक पलवार लगाकर खरपतवार नियंत्रण करने का सुझाव दिया। प्रशिक्षण में 30 किसानों ने भाग लिया।

कृषि विज्ञान केंद्र पदमपुर में किसानों के लिए प्रशिक्षण आयोजित
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