ट्राई और डॉट में कॉलर आईडी को लेकर बनी सहमति, अब डिफॉल्ट रूप से दिखेगा कॉल करने वाले का नाम

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नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई (ट्राई) और दूरसंचार विभाग (डॉट) ने इस बात पर सहमति जताई है कि अब मोबाइल या फोन कॉल के दौरान कॉल करने वाले व्यक्ति का असली नाम डिफॉल्ट रूप से दिखाया जाएगा। यह सुविधा कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (सीएनएपी) के तहत लागू की जाएगी। इससे उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी या फर्जी कॉल की पहचान करने में मदद मिलेगी। ट्राई ने फरवरी 2024 में अपनी सिफारिशों में कहा था कि यह सेवा केवल उन उपभोक्ताओं के अनुरोध पर सक्रिय की जाए, जिन्हें कॉल आती है। लेकिन डॉट ने इसे संशोधित करते हुए कहा कि यह सुविधा सभी उपभोक्ताओं के लिए स्वतः (बॉय डिफॉल्ट) उपलब्ध होगी, जबकि कोई उपभोक्ता चाहे तो बाद में इसे डिएक्टिवेट करा सकता है। ट्राई ने डॉट के इस प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। दोनों एजेंसियां सहमत हैं कि यह सेवा 4जी और उससे आगे की तकनीकों पर डिफॉल्ट रूप से लागू की जाएगी, जबकि 2जी और 3जी नेटवर्क पर तकनीकी सीमाओं के कारण इसे लागू करना कठिन होगा।

अधिसूचना जारी होने के छह महीने के भीतर होगा लागू
इसके साथ ही, जिन उपभोक्ताओं के पास कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन रेस्ट्रिक्शन (सीएलआईआर) सुविधा है, जैसे खुफिया एजेंसियों के अधिकारी या कुछ विशेष श्रेणी के लोग, उनके नाम कॉल रिसीवर को नहीं दिखाए जाएंगे। डॉट ने यह भी माना है कि सरकार को अधिसूचना जारी होने के छह महीने के भीतर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत में बेचे जाने वाले सभी नए मोबाइल फोन में सीएनएपी फीचर अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो। अब डॉट इस पर अंतिम निर्णय लेगा और इसके तकनीकी पहलुओं पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ चर्चा करेगा।

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