दुनिया भर में हर साल 11 फरवरी को विश्व बीमार दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर पूरी दुनिया में करोड़ों- अरबों लोग बीमार और पीड़ित लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं, जिससे उन्हें जल्द से जल्द ठीक होने की आशा और प्रेरणा मिलती हैं। विश्व बीमार दिवस की थीम हर साल अलग-अलग होती है, लेकिन यह अक्सर स्वास्थ्य देखभाल और बीमारी के विशिष्ट पहलुओं पर केंद्रित होती है। इस साल यानी 2025 में दुनियाभर में 32 वां विश्व बीमार दिवस मनाया जाएगा। ऐसे में चलिए इसके इतिहास, खासियत और महत्व को जानते हैं।
दुनिया के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है जिसका उद्देश्य है बीमार लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनकी देखभाल के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना। यह दिन बीमार लोगों की सेवा और देखभाल करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन हमें बीमार लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को याद दिलाता है और साथ-साथ उनके परिवारों और दोस्तों के प्रति भी अधिक सहानुभूति और समझ विकसित करने में भी मदद करता है। यह दिन कैथोलिक चर्च के लिए पीड़ित लोगों के लिए प्रार्थना करने का एक तरीका प्रदान करता है।
जानिए इस दिवस इतिहास क्या है? आज के दिन का इतिहास 1992 में शुरू होता है। जब पोप जॉन पॉल द्वितीय ने पीड़ितों की सहायता करने और उनकी देखभाल करने वालों के काम को सराहने के लिए 11 फरवरी को विश्व बीमार दिवस के रूप में घोषित किया था। 11 फरवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि यह आवर लेडी ऑफ लूर्डेस का स्मृति दिवस था। इस दिवस की स्थापना ही बीमार लोगों को आशा देने के लिए की गयी थी। बीमारी से पीड़ित लोगों को समर्पित इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है बीमार लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनकी देखभाल के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना।