जयपुर। वन मंत्री संजय शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति में शासन सचिवालय में बुधवार को वन विभाग द्वारा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेन्ट और एरिड फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ वृक्षारोपण कार्यों के मूल्यांकन करने का एमओयू किया गया।
अब वन विभाग द्वारा करवाए जाने वाले समस्त वृक्षारोपण कार्यों का तृतीय पक्ष मूल्यांकन करवाया जाएगा।
वर्तमान में प्रचलित मूल्यांकन प्रक्रिया में कुछ कमियों को दूर करने, मूल्यांकन कार्य में स्पष्ट रूप से पारदर्शिता लाने एवं समयबद्ध परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य के लिए विभाग द्वारा करवाए जाने वाले समस्त वृक्षारोपण कार्यों को तृतीय पक्ष मूल्यांकन करवाने का निर्णय लिया गया है।
वन विभाग द्वारा प्रचलित वर्तमान प्रक्रिया में नाबार्ड, कैम्पा एवं बाह्य सहायता प्राप्त योजना के अंतर्गत किए गए वृक्षारोपण एवं अन्य कार्यों का मूल्यांकन तृतीय पक्ष मूल्यांकन पद्धति द्वारा करवाया जाता रहा है।
तृतीय पक्ष मूल्यांकन के उद्देश्य की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा एक विस्तृत गाइडलाइन के साथ परिपत्र जारी किया गया है जिसमें मूल्यांकन से संबंधित समस्त कार्यालयों का दायित्व भी निर्धारण किया गया है।