भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025 में निजी पूंजीगत व्यय में अधिक व्यापक आधार पर सुधार दर्ज करेगी। ये कहना है मॉर्गन स्टेनली की मुख्य भारत अर्थशास्त्री उपासना चाचरा का। एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पूंजीगत व्यय को अब निजी पक्ष से भी अधिक समर्थन मिलने की संभावना है।
सार्वजनिक पूंजीगत व्यय पर उन्होंने कहा कि वृद्धि अभी भी काफी मजबूत बनी हुई है और नाममात्र जीडीपी से ऊपर बढ़ रही है। उन्हें वित्त वर्ष 25 में इसमें कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। आर्थिक विकास के बारे में चचरा ने कहा, “हम भारत के परिदृश्य के बारे में काफी सकारात्मक बने हुए हैं, जैसे कि निकट भविष्य के वित्त वर्ष 25 के परिप्रेक्ष्य से या मध्यम अवधि की विकास कहानी से, जहां हमें लगता है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।”
उन्होंने कहा कि हाल के लोकसभा चुनाव परिणाम सरकार में और प्रमुख मंत्री पदों पर निरंतरता को दर्शाते हैं और इसलिए नीतिगत निरंतरता भी दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि पर उनका पूर्वानुमान निकट अवधि और मध्यम अवधि दोनों में अपरिवर्तित बना हुआ है। मॉर्गन स्टेनली इंडिया को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.8% की दर से बढ़ेगी।
मुद्रास्फीति पर टिप्पणी करते हुए अर्थशास्त्री ने कहा कि इस साल यह मोटे तौर पर 4.9 से 5.1% के बीच सीमित दायरे में रही है। उपासना ने कहा कि अगर इस साल मानसून ठीक रहा तो इससे खाद्य मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंताओं को कम करने में मदद मिलेगी। आरबीआई एमपीसी पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक इस वर्ष और अगले वर्ष भी यथास्थिति बनाए रखने की संभावना है।
अर्थशास्त्री का कहना है कि यदि मुद्रास्फीति में गिरावट के बारे में आश्चर्य होता है या यदि विकास के परिणाम गलत होते हैं तो नीतिगत दरों में ढील की संभावना है। जुलाई 2024 में आगामी पूर्ण केंद्रीय बजट को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें राजस्व व्यय की तुलना में पूंजीगत व्यय या ग्रामीण बुनियादी ढांचे पर खर्च में अधिक वृद्धि की उम्मीद है।