योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर धार्मिक महाकुंभ मेले को राजनीतिक तमाशा बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस आयोजन को बेहद खराब तरीके से प्रबंधित किया गया और इसे पक्षपातपूर्ण हितों की पूर्ति के लिए फिर से इस्तेमाल किया गया। उन्होंने यहां तक संकेत दिया कि इस उत्सव में अगले प्रधानमंत्री की घोषणा करने की योजना थी। इस आयोजन को राजनीतिक बताते हुए कन्नौज के सांसद ने प्रयागराज में संवाददाताओं से कहा, जहां वे एक शादी में शामिल होने गए थे। उन्होंने कहा, “महाकुंभ की विफलता के लिए मुख्यमंत्री खुद जिम्मेदार हैं।
उन्होंने इसे भाजपा के कार्यक्रम में बदलने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा करने की भी योजना थी। यह धार्मिक कुंभ नहीं था, बल्कि राजनीतिक था।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसा सुनने में आ रहा है कि महाकुंभ के दौरान प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर उनके (आदित्यनाथ) नाम की घोषणा करने की योजना थी।”उन्होंने दावा किया, “क्या आपने कभी कुंभ के दौरान टीवी चैनलों को साक्षात्कार देते देखा है? यहां ऐसी व्यवस्था की गई थी। इस पूरे कुप्रबंधन ने आयोजन के आयोजन पर एक बड़ा धब्बा लगा दिया है।” यादव ने कहा कि भविष्य में, आप और भी बेहतर समझेंगे। कई बातें शायद मुझ तक न पहुंचें, लेकिन आप यहां रहते हैं – आप सच्चाई जानते हैं। सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि विपक्षी दल भारत 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी जारी रहेगा। उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह वक्फ (संशोधन) विधेयक के जरिए माफिया की तरह जमीन हड़पने की कोशिश कर रही है।



