जयपुर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान जिला प्रशासन, पुलिस व विभिन्न विभागों ने समन्वय के साथ टीम के रूप में जो काम किया, वह सराहनीय है। इसके लिए उन्होंने सभी को राजस्थान सरकार व माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से बधाई दी। गोदारा गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाहॉल में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में आवश्यक निर्देश दे रहे थे।उन्होंने कहा कि हमारे देश की एकजुटता व सेना के जज्बे को पूरे विश्व ने देखा है। सिविल डिफेंस व अन्य वॉलिन्टयर्स को समय-समय पर प्रशिक्षण देते रहंे तथा परिस्थिति के अनुसार एसओपी बना लें। हमें सदैव प्रो-एक्टिव होकर कार्य करना है। जिला प्रभारी मंत्री ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं से संबंधित कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि जहां भूमि उपलब्ध है, वहां तत्काल विकास कार्य प्रारम्भ करें। जहां जमीन की आवश्यकता है, वहां जमीन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
बैठक में उन्होंने मिर्जेवाला में सैनिक स्कूल, गंगासिंह स्टेडियम का विकास, अनूपगढ में इंडोर खेल हॉल, कैंचिया व राजियासर में जीएसएस, सूरतगढ में उपजिला चिकित्सालय, घडसाना में राजकीय महाविद्यालय, छात्रावास, अनूपगढ में मिनी फूड पार्क, रायसिंनगर में ट्रोमा सेंटर, अनूपगढ में परिवहन कार्यालय, विजयनगर में राजकीय महाविद्यालय, गंगानगर में आजाद टॉकीज के पास अण्डरब्रिज की प्रगति की विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वीकृत कार्यों में किसी प्रकार का विलम्ब नहीं होना चाहिए। गंगानगर में मिनी सचिवालय के लिए 40 करोड़ रूपये की राशि मिलने के पश्चात कार्य में तेजी लाई जाए, जिससे इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके।
गोदारा ने कहा कि विद्यालयों में अध्ययन कक्षों की कमी नहीं होनी चाहिए। जहां जरूरत है, समसा, एमपी व एमएलए कोटे के तहत निर्माण किया जाए। विद्यालयों में चारदीवारी, पुस्तकालय, शैड, शौचालय सहित सभी सुविधाएं होनी चाहिएं। उन्होंने जिले में पेयजल व्यवस्था को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। अधीक्षण अभियन्ता पेयजल को निर्देशित किया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में जाकर चौपाल लगाएं तथा ग्रामीणों की पेयजल से संबंधित समस्याओं का समाधान करें। पेयजल परियोजनाओं में कार्मिक उपस्थित रहें तथा सभी फिल्टर प्लांट चालू हालत में होने चाहिए। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से जल की उपलब्धता पर चर्चा की तथा निर्देश दिए कि हमारे हिस्से का पूरा पानी किसानों के खेतों तक पंहुचना चाहिए। नहरों की मरम्मत के अलावा स्वीकृत पक्के खालों का कार्य भी तेज गति से करवाया जाए। उन्होंने कृषि उपज मण्डी के अधिकारियों को निर्देशित किया कि उपलब्ध धनराशि से सड़कों का निर्माण व मरम्मत करवाई जाए।



