राजस्थान में हार की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं बीजेपी के अंदर….आखिर क्यों मौन है सब..

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जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं नतीजा में जहां कांग्रेस को एक बहुत बड़ी सफलता मिली है तो वहीं भाजपा को करारी हार के साथ-साथ एक ऐसी शिकायत मिली है जो शायद कोई भूल भी नहीं सकता दरअसल पिछले दो बार के लोकसभा चुनाव के अंदर बीजेपी ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 25 की 25 लोकसभा सीट पर जीत हासिल करी मगर 2024 के लोकसभा चुनाव के अंदर बीजेपी की बढ़त काम हो गई और 25 से सीधे 14 सीटों पर आ गए यानी की कुल मिलाकर 11 सीटों का नुकसान हुआ वहीं भाजपा के तमाम नेता खुश इसलिए हो रहे हैं कि देश के अंदर एनडीए तीसरी बार अपनी सरकार बनाने जा रही है क्योंकि बीजेपी के खुद के 242 सिम हैं और एनडीए की अगर मिले तो वह आंकड़ा बहुमत को आराम से पार कर रहा है मगर सवाल यह होता है कि बीजेपी का इस बार का प्रदर्शन प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में बहुत ज्यादा खराब रहा है खासतौर से हिंदी प्रदेश राज्यों के अंदर बीजेपी या तो ओवर कॉन्फिडेंट हो गई थी या फिर उनको कुछ पता नहीं था बात करें राजस्थान की राजस्थान के अंदर बीजेपी की यह एक बहुत बड़ी शर्मनाक हार है ताजुब की बात यह है कि इसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई भी नहीं है बात करें तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी जो खुद चित्तौड़गढ़ से चुनाव लड़े भारी अंतर से वह चुनाव जीते मगर 11 सिट जो बीजेपी हारी है उस पर कोई सवाल जवाब नहीं कर सकता । वही मुख्यमंत्री भजनलाल भी जो की पहली बार विधायक बने और विधायक के साथ मुख्यमंत्री बन गए 6 महीने के अंदर एक यह बड़ा टास्क था लोकसभा चुनाव का जिसमें भजनलाल शर्मा असफल हुए हैं, वहीं कांग्रेस के लिए काफी फायदा हुआ है कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव हार मगर लोकसभा चुनाव के अंदर जिस तरीके से एक बहुत बड़ा कमबैक किया है राजस्थान के अंदर बेहतरीन प्रदर्शन है । सचिन पायलट और अशोक गहलोत को बड़े कद का नेता मानते थे मगर अब प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी एक बड़े कद का नेता माना जाने लगा है। विधानसभा चुनाव गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में ही लड़ा गया था मगर असफल रहे वही पिछली दो बार से लोकसभा चुनाव के अंदर कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पा रही थी वही एक साथ 11 सीट जीतकर कांग्रेस ने एक मजबूती प्रदान कर ली है खुद के लिए जहां एक तरफ पार्टी खत्म सी हो रही थी कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता जैसे महेंद्रजीत सिंह मालवीय , लालचंद कटारिया जैसे तमाम बड़े कांग्रेस के दिग्गज नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए ऐसे में कांग्रेस कमजोर होती दिखाई गई मगर जिस तरीके से कांग्रेस ने अपना परफॉर्मेंस दिया है उससे कहीं ना कहीं जो नेता बीजेपी में गए हैं कांग्रेस को छोड़कर तो अब कांग्रेस वाले कह रहे हैं कि आप बीजेपी में ही रहो यहां पर आपकी आवश्यकता नहीं है।
वहीं हार की जिम्मेदारी बीजेपी में अभी तक कोई भी नहीं ले रहा है ऐसा क्यों हो रहा है पता नहीं मगर यह बेहद गंभीर विषय है । वहीं भाजपा के तमाम बड़े नेता यही कह रहे हैं कि हमारी सरकार बन रही है सरकार तो बन रही है जब इसमें कोई हर्ज नहीं है मगर राजस्थान की हर जो हुई है जिसमें बीजेपी की बहुत बुरी तरीके से किरकिरी हुई है वह सोने का विषय बन चुका है कि आखिर इतनी सिम कैसे बीजेपी हार गई माना यही जा रहा था कि तीन से चार सिट कांग्रेस जीत जाएगी और बीजेपी 20 सीट आराम से जीत जाएगी मगर यह आंकड़ा कांग्रेस का तीन से 4 के बदले सीधा आठ पर आ गया और इंडिया गठबंधन के साथ 11 पर आ गया ऐसे में बीजेपी के लिए अब चिंता का विषय है क्योंकि जिस तरीके से मुख्यमंत्री का कार्य चल रहा है वह बेहद निराशाजनक चल रहा है ई आरसीपी को लेकर जो जो बड़े वादे किए थे वहां पर बीजेपी को भारी नुकसान हुआ है बीजेपी वहां पर सिट जीतने में कामयाब नहीं हुई है बात करें दौसा की तो दौसा के अंदर बीजेपी की करारी हार हुई है वही भरतपुर और धौलपुर करौली में भी यही हाल देखने को मिला है इसके अलावा बात करें तो नागौर की , तो नागौर के अंदर इंडिया गठबंधन की साथ की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल करी है वही बाड़मेर के अंदर खुद बीजेपी के प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी तीसरे नंबर पर रहे हैं साफ तौर पर दिख रहा है कि भाजपा के प्रति लोगों का अब विश्वास वह नहीं रहा जो पहले था इसलिए अब बीजेपी को बड़ा मंथन करना होगा कि आखिर हम कमजोर कहां हुई वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के तमाम प्रदेश के नेता प्रवक्ता इस भरोसे बैठे थे कि मोदी जी आएंगे और उनकी नैया पार लगा देंगे मगर ऐसा नहीं हुआ जनता ने सीधा जवाब दे दिया अब बीजेपी की कार्यप्रणाली प्रदेश की कार्य समिति पर बहुत बड़ा सवाल निशान उठ रहा है कि आखिर ऐसे कैसे और कॉन्फिडेंट हो गए कि हम 25 की 25 सिट जीत रहे हैं वहीं जवाब हर कोई मांग रहा है बड़े कद के नेता भी मांग रहे हैं दिल्ली में जवाब मांग रहे हैं कि आखिर राजस्थान में इतनी सिट बीजेपी की कैसे हाथ से निकल गई।

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