प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं, राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र में कर रही लगातार कार्य : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

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जयपुर। राजस्थान प्रवासी दिवस के अवसर पर राजस्थान पर्यटन का क्षितिज विस्तार एवं नये अनुभवों का उद्भव विषय आधारित सत्र में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। यहां का मरुस्थल, झीलें, अभ्यारण्य, ऐतिहासिक किले, हवेलियाँ और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत इस प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से अद्वितीय बनाती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के किले और हवेलियाँ हमारी अमूल्य धरोहर हैं, जिन्हें संरक्षित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शर्मा ने कहा कि राजस्थान धार्मिक पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र है। सालासर धाम, खाटू श्यामजी, शाकंभरी देवी, रानी सती मंदिर, करणी माता मंदिर, तनोट माता मंदिर, सांवलिया सेठ, त्रिपुरा सुंदरी, मेहंदीपुर बालाजी, गिरिराज जी मंदिर जैसे पवित्र स्थलों पर देश-दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। शर्मा ने कहा कि राज्य में मरुस्थल और विभिन्न अभ्यारण्य भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों से अपील की कि वे वर्ष में कम से कम दो बार अवश्य राजस्थान आएँ और अपनी जड़ों से जुड़ाव मजबूत रखें। साथ ही उन्होंने प्रवासियों से प्रदेश में निवेश करने की भी अपील की।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पर्यटन के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है। प्रदेश में सड़क, हवाई और रेल कनेक्टिविटी सुदृढ़ की गई है तथा पर्यटन से जुड़े सभी आधारभूत ढाँचे को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की ऐतिहासिक हवेलियाँ हमारी सांस्कृतिक पहचान हैं और सरकार इनके संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य की हवेलियों के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार के लिए 662 हवेलियां चिन्हित की गई है। इस दौरान उन्होंने दीपावली को विश्व धरोहर में शामिल होने पर सभी को बधाई भी दी।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर “राजस्थान पर्यटन नीति–2025” का लोकार्पण किया , जिसे प्रवासी राजस्थानियों व विशेषज्ञों ने राज्य के पर्यटन भविष्य के लिए “निर्णायक दस्तावेज़” बताया।राजस्थान की उपमुख्यमंत्री तथा पर्यटन कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में प्रवासी राजस्थानियों का मातृ भूमि पर स्वागत करते हुए कहा कि “प्रवासी राजस्थानी दिवस, 2025” एक ऐसा पर्व है, जो हमारे राजस्थान की संस्कृति, ऐतिहासिक गौरव, विकास-क्षेत्र और विश्व भर में राजस्थान के गौरव को बढ़ाते हुए आप सभी प्रवासी राजस्थानियों को अपनी मातृ भूमि से जोड़ने का बेहतरीन माध्यम बन रहा है। दिया कुमारी ने कहा कि यह भव्य आयोजन और इस आयोजन में पर्यटन विभाग का यह सत्र राजस्थान में पर्यटन के विस्तार और नए अनुभवों के उद्भव पर विचार किए जाने हेतु आयोजित हुआ है जो अत्यंत महत्वपूर्ण है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान पर्यटन और इसकी कला संस्कृति को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिल रही है। उदयपुर बेस्ट वेडिंग डेस्टिनेशन और जयपुर को दुनिया के टॉप 5 सिटीज और राजस्थान को बेस्ट कल्चरल डेस्टिनेशन का सम्मान मिलना राजस्थान के लिए गौरव की बात है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के तीज-त्यौहारों, मेलों, सांस्कृतिक उत्सवों को विशाल स्तर पर आईफा, वेड इन इंडिया एक्सपो, जीआईटीबी और आरटीडीएम तथा घूमर महोत्सव जैसे आयोजन किए जा रहे हैं जो राजस्थान के पर्यटन को नई गति देने के साथ नए अवसर प्रदान कर रहे हैं। दिया कुमारी ने कहा कि हमारा यह प्रयास है कि पर्यटक को आधारभूत सुविधाओं के साथ सुरक्षित वातावरण मिले, और वह यहां आकर अनफॉरगेटटेबल मेमोरीज लेकर जाए और राजस्थान की कहानी को दुनिया तक पहुंचाए और पर्यटन से रोजगार सभी को अवसर मिले, व प्रतिभाओं को प्रोत्साहन भी मिले। उपमुख्यमंत्री ने प्रवासियों से कहा कि अब राजस्थान में सिंगल विंडो सिस्टम है अब हमारे यहाँ त्वरित प्रभाव से सभी तरह की क्लीयरेन्स मिलती है। राजस्थान में निवेश करना आसान और अत्यंत लाभकारी है। राजस्थान पर्यटन में निवेश कर प्रवासी राजस्थानी राजस्थान को पर्यटन का सिरमौर बनाने में महती भूमिका निभा सकते हैं। राजस्थान सरकार और पर्यटन विभाग आपके लिए पूरी तरह तैयार है। हम अपने सभी प्रवासी राजस्थानियों को आमंत्रित करते हैं आइए, निवेश करें सहयोग करें, और राजस्थान के नए विकास युग में भागीदार बने, आपका अनुभव, हमारी प्रतिबद्धता मिलकर राजस्थान को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगी।

केन्द्रीय पर्यटन तथा कला एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि राजस्थान पर्यटन का पॉवर हाउस है। यह वैश्विक स्तर पर विराट स्वरुप में बढ़ने व बढ़ाये जा सकने वाले पर्यटन का प्रदेश है। अगले एक दशक में भारत का पर्यटन तीन गुना बढ़ने वाला है। यह संभावनाएं राजस्थान में भी दिख रहीं हैं। राजस्थान पर्यटन की मांग विश्व स्तर पर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मैंने देश के सभी प्रदेशों की पर्यटन नीति का अध्ययन किया है राजस्थान की पर्यटन नीति सर्वोत्तम है। उन्होंने राजस्थान पर्यटन के पांच पिलर बताये जिससे राजस्थान पर्यटन की मजबूती और बेहतर अवसरों की स्थिति परिलक्षित होती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने वाले प्रवासी राजस्थानियों का सहयोग भी देगी और साथ खड़ी भी रहेगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में जब भारत दुनिया का टॉप टेन कंट्री बनेगा तो निश्चित ही बेहतरीन पर्यटन से राजस्थान भी भारत के टॉप तीन राज्यों में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि जिसे, राजस्थान की मिट्टी की खुशबू और महकते चमकते दमकते रंगों का महत्व पता है वह निश्चित ही राजस्थान पर्यटन के इन शानदार अवसरों में सहभागिता करेंगे। उन्होंने दीपावली को विश्व धरोहर में शामिल होने पर सभी को बधाई दी।इस अवसर पर नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रवासी राजस्थान दिवस हमारे लिए एक भावनात्मक क्षण और विकास के नये अवसर का समय है। उन्होंने राजस्थान पर्यटन विभाग की सराहना करते हुए कहा कि नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग पूरी तरह साथ है। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग पर्यटन के लिए नई सड़के और सुविधाएं विकसित कर रहें हैं। हमारी स्पष्ट मान्यता है कि शहर जितना सुंदर स्वच्छ, आधुनिक और सुविधा सम्पन्न होगा उतना ही पर्यटन बढ़ेगा। इस हेतु हम प्रतिबद्धता से कार्य कर रहें हैं। हम बेहतरीन परिवहन व्यवस्था के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रहें है। हम विरासत संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध हैं। हमारी परियोंजनाएं नये राजस्थान का निर्माण कर रही है, जो निश्चित ही पर्यटन के लिए नये अवसर बढ़ाएंगी।

पशुपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राजस्थान की सबसे बड़ी सांस्कृतिक पूँजी हमारी आस्था और पशु-आधारित परंपराएँ हैं। उन्होंने बताया कि नागौर पशु मेला, ऊँट उत्सव और पशुधन परंपराएँ अब लिविंग हेरिटेज इवेंट्स के रूप में विकसित हो रही हैं। पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इन आयोजनों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दी जा रही है। ग्रामीण हस्तशिल्प, लोक संगीत, ऊँट संस्कृति और पशु-आधारित प्रदर्शन इन्हें विशिष्ट अनुभव बनाते हैं।
अंत में पर्यटन आयुक्त मती रुक्मणी रियार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और प्रवासी राजस्थानियों से अपील की कि वे राजस्थान के पर्यटन ब्रांड को वैश्विक मंच पर और मजबूत करें। राजस्थान पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रवीण गुप्ता ने सत्र में राजस्थान के पर्यटन क्षितिज का विस्तार विषय की आवश्यकता और अभिप्राय एवं अवसर पर बोलते हुए कहा कि हम एक नये युग में प्रवेश कर रहें हैं। आप प्रवासी राजस्थानी लोगों की वैश्विक उपस्थिति और राजस्थान की शानदार कला, संस्कृति और ऐतिहासिक स्मारक सहित अद्भुत विरासत राजस्थान को पर्यटन के लिए एक बेहतरीन डेस्टिनेशन बनाती है जो दुनिया को आकर्षित करती है। आज हम उन नए अवसरों और अनुभवों को खोजने वाले हैं जो पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक ले जाएँगे। उन्होंने राजस्थान में पर्यटन क्षेत्र की शानदार नीतियों और योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने हेरिटेज प्रॉपर्टी को अडॉप्ट करने के लिए प्रवासी राजस्थानियों को आमंत्रित किया। उन्होंने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम की भी चर्चा की इसमें इन्वेस्ट करने के लिए आमंत्रण दिया। उन्होंने फिल्म पॉलिसी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राजस्थान पर्यटन विभाग आप प्रवासी राजस्थानियों के साथ सहभागिता करने के लिए उत्सुक है। आईटीडीसी की एमडी मुग्धा सिन्हा ने बताया कि भारत में घरेलू पर्यटक विश्व से अधिक संख्या में यात्रा करते हैं। राजस्थान में वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करने की अपार क्षमता है। केंद्र सरकार ने राजस्थान में कई केंद्रीय पर्यटन परियोजनाओं को मंजूरी दी है साथ ही ज्ञान भारत मिशन से राजस्थान को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कॉन्सर्ट टूरिज्म, स्टोरीटेलिंग और गोल्डन ट्रायएंगल के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

मुग्धा सिन्हा ने कहा कि राजस्थान पर्यटन का दुनिया में आइकॉनिक फेस है। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन सबसे तेजी से बढ़ रहा है।राजस्थान से भी हमें उम्मीद है कि वह भी पर्यटन के क्षेत्र में त्वरित गति से तरक्की कर विश्व पर्यटन में एक अहम स्थान हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि हमें मार्केटिंग के साथ हमारे संदेश को एम्प्लीफाई करना होगा। हमारे संसाधनों को आय के स्त्रोत में बदलना होगा। हमें राजस्थान के कलाकारों की सूची तैयार कर उनका पर्यटन में व्यावसायिक उपयोग करना होगा। सिन्हा ने कहा कि राजस्थान में प्रशिक्षित गाइड की आवश्यकता है जो राजस्थान पर्यटन को और सशक्त और प्रोफेशनल बनाएगा। इस अवसर पर प्रवासी राजस्थानी आनंद मिश्रा, मैनेजिंग डायरेक्टर त्रिमूर्ति ग्रुप ने सत्र की शुरुआत में स्वागत उद्बोधन दिया और अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रवासी राजस्थानियों का राजस्थान के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के लिए बहुत अनुकूल वातावरण है। निवेश के लिए बेहतरीन पर्यटन की विविध नीतियाँ इस प्रदेश में पर्यटन के लिए नये द्वार खोल रही है। ईज मॉय ट्रिप के सह- संस्थापक रिकांत पिट्टी ने कहा कि आज का युवा सस्टेनेबल व जिम्मेदार पर्यटन को प्राथमिकता देता है। उन्होंने स्टार्टअप्स, नवाचार और पर्यावरण-संवेदी यात्राओं की बढ़ती मांग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान एक डेस्टिनेशन नहीं अपितु एक इमोशन है। अमन गोपाल सुरेका ने कहा कि शिल्प, संस्कृति और स्थानीय ज्ञान के संरक्षण में प्रवासी राजस्थानियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि खेल हमें जोड़ते हैं और मानसिक रूप से केंद्रित रखते हैं।

अमन गोपाल ने अपने प्रस्तुति करण में राजस्थान के जन मानस में रचे बसे महान कवि कन्हैया लाल सेठिया की प्रसिद्ध पंक्तियों को “आतो सुरगां न सरमावे, इ पर देव रमण न आवे, ईरो जश नर नारी गावे, धरती धोरां री, धोरां री धरती धोरां री” को उद्दरित किया और खेल उत्पादों और उनकी उपयोगिता बताई तथा शतरंज के खेल उत्पाद को दिखाया और बताया।प्रभा खेतान फाउंडेशन के ट्रस्टी संदीप भूतोडिया ने कहा कि प्रवासी राजस्थानी “पूरी एक संस्कृति को जीते हैं”। उन्होंने सुझाव दिया कि राजस्थान में वैश्विक डबिंग स्टूडियो बनाए जाएँ। प्रवासी राजस्थानी समाज की मदद से सोशल इन्वेस्टमेंट सेल स्थापित हो। उन्होंने कहा कि रिच कल्चर से रिच हेरिटेज बनता है। संदीप नवलखा ने हवेली संरक्षण पर विस्तृत प्रस्तुति देते हुए कहा कि यदि एक संस्था पूरे जिले को “हेरिटेज डिस्ट्रिक्ट” में बदल सकती है, तो सरकार इससे कहीं अधिक कर सकती है। उन्होंने फैमिली हिस्ट्री म्यूजियम स्थापित करने पर बल दिया। सरोवर होटल्स के एमडी अजय के. बकाया ने कहा कि सिंगल विंडो के साथ वेबसाइट आधारित निवेश प्रस्तावों को बढ़ावा दिये जाने पर जोर दिया।

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