अयोध्या। भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि के समीप स्थित प्राचीन लवकुश मंदिर रामकाेट में शिव के द्वादश ज्याेतिर्लिंग विराजित हैं। जहां श्रावण मास के प्रथम साेमवार पर शिव भक्ताें ने द्वादश ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक, रूद्राभिषेक, पूजन-अर्चन, आरती व वंदन किया। उसके बाद द्वादश ज्याेतिर्लिंगाें का दिव्य श्रृंगार कर भव्य झांकी सजाई गई। मंदिर में भगवान के अभिषेक-पूजन का सिलसिला सुबह से ही चल रहा है। यहां पर हम द्वादश ज्योतिर्लिंग का दिव्य दर्शन एक साथ कर सकते हैं। इसके लिए हमें देश के अलग-अलग प्रांतों में जाने की जरूरत नही है। क्योंकि हम लाेग रामनगरी के प्राचीन लवकुश मंदिर में भगवान शिव के द्वादश ज्याेतिर्लिंग सेतुबंध रामेश्वर, घुश्मेश्वर महादेव, साेमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर महादेव, ओंकारेश्वर महादेव, केदारनाथ, भीमेश्वर महादेव, विश्वेशर महादेव, त्रयम्बकेश्वर, बैद्यनाथ, नागेश्वर महादेव का दिव्य दर्शन एक साथ कर सकते हैं। पूरे सावन मास तक मंदिर में भाेले शंकर के भक्ताें का तांता लगा रहता है। साथ ही पूरे सावन महीने में रूद्राभिषेक का कार्यक्रम भी चलता रहता है, जिसमें काफी संख्या में शिव भक्त सम्मिलित हाेकर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं।
प्राचीन लवकुश मंदिर में विराजित हैं भगवान शिव के द्वादश ज्याेतिर्लिंग
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