कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार ने उठाया महत्वपूर्ण कदम

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बूंदी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशानुसार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिले के सभी सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों और संस्थानों में कार्यस्थल पर महिलाओं से लैंगिक उत्पीड़न संबंधी शिकायतों के निवारण के लिए आंतरिक शिकायत समिति के गठन के निर्देश जारी किए गए हैं। जिला कलक्टर अक्षय गोदारा ने सभी विभागाध्यक्षों को अपने-अपने कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। जिन कार्यालयों में 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां समिति का गठन अनिवार्य रूप से करना होगा।

उल्लंघन पर लगेगा दंड

महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक भैरू प्रकाश नागर ने बताया कि यदि कोई कार्यालय इस नियम का पालन नहीं करता है, तो अधिनियम की धारा 26 (1) (ए) के तहत अधिकतम 50,000 रुपए तक का दंड लगाया जा सकता है। साथ ही, यदि किसी कार्यालय की आंतरिक शिकायत समिति तीन वर्ष या उससे अधिक पुरानी हो चुकी है, तो उसे अधिनियम के अनुसार पुनर्गठित किया जाएगा। समिति की अध्यक्ष एक वरिष्ठ महिला कर्मचारी होगी। समिति में सामाजिक कार्यों या कानून में अनुभव रखने वाले दो स्टाफ सदस्य और महिला मुद्दों से संबंधित किसी गैर-सरकारी संगठन के सदस्य को शामिल किया जाना अनिवार्य होगा।
उन्‍होंने बताया कि इस कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक कार्यालय को अनिवार्य रूप से यह बताना होगा कि एक आंतरिक शिकायत समिति गठित की गई है। समिति के गठन की जानकारी कार्यालय के प्रमुख स्थान पर एक बोर्ड के माध्यम से अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करनी होगी। इसके साथ ही समिति का पुनर्गठन हर तीन वर्ष में करना भी अनिवार्य होगा। निजी क्षेत्र के संगठन, उद्यम, गैर-सरकारी संगठन, समाज, ट्रस्ट, उत्पादन, वितरण और बिक्री में शामिल व्यवसाय, वाणिज्यिक, पेशेवर, शैक्षिक, मनोरंजन, औद्योगिक, स्वास्थ्य सेवाएं, वित्तीय परिचालन, अस्पताल, नर्सिंग होम, खेल सभी स्थानों जैसे संस्थानों, सभागारों, खेल परिसरों आदि पर भी इस समिति का गठन किया जाना आवश्यक है।

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