जयपुर | भगवान महावीर का 2624वां जन्म कल्याणक महोत्सव पूरे राजस्थान में आस्था, श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। जयपुर, अजमेर, सीकर, भीलवाड़ा, उदयपुर और कोटा सहित प्रदेश के कई शहरों में भव्य शोभायात्राएं निकाली गईं। इन शोभायात्राओं में श्रद्धालुओं की भीड़ और धार्मिक उत्साह देखते ही बनता था।
ज्ञान और शांति का संदेश देती झांकियां
शोभायात्राओं में महावीर स्वामी के जीवन पर आधारित प्रेरणादायक झांकियां सजाई गईं, जो धर्म, करुणा और अहिंसा के संदेश को जन-जन तक पहुंचा रही थीं। जयपुर में 108 स्वागत द्वारों से सजा मार्ग, अजमेर में 3 किलोमीटर लंबी शोभायात्रा, सीकर में स्कूली छात्राओं का आत्मरक्षा प्रदर्शन और उदयपुर में महिला बैंड की प्रस्तुति – हर जगह आयोजन की भव्यता और विविधता ने लोगों का दिल जीत लिया।
धर्मसभा में बोले जैन मुनि – सबके हैं महावीर
धर्मसभा में मुनि भट्टारक प्रमेय सागर ने कहा – “महावीर स्वामी का संदेश सिर्फ जैनों का नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए है।” उन्होंने जैन और सनातन धर्म को एक सिक्के के दो पहलू बताते हुए कहा कि भारत की धार्मिक परंपराओं में विविधता के साथ एकता रची-बसी है।उन्होंने कहा – “राम से ऋषभदेव और ‘म’ से महावीर – ये नाम नहीं, भारतीय आत्मा के प्रतीक हैं। चाहे कोई सिख हो, ईसाई हो, जैन हो या मुस्लिम – इस धरती पर रहने वाला हर इंसान हिंदुस्तानी है।”
PM मोदी और राज्यपाल कटारिया भी जुड़े श्रद्धा से
जैन मुनि ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले णमोकार मंत्र पर 50 मिनट तक चर्चा की, जिससे यह साबित होता है कि जैन दर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है।वहीं, पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने शोभायात्रा में भाग लेकर कहा – “जैन धर्म का सत्य और अहिंसा का मार्ग पूरी मानवता के लिए प्रेरणा है।”

शोभायात्राओं में झलकी एकता और अहिंसा की भावना : महावीर जयंती पर राजस्थान के शहरों और गांवों में श्रद्धा और उल्लास का संगम
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