एनसीआर क्षेत्र से सटे बहरोड़ इलाके में बढ़ रही प्रदूषण की समस्या

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बहरोड़। एनसीआर क्षेत्र से सटे बहरोड़ इलाके में प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि नगर परिषद प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रही है। लेकिन दूसरी ओर इंडस्ट्रीज एरिया और रिहायशी कॉलोनियों में खुले में कचरा जलाए जाने की घटनाएं स्थिति को और जटिल बना रही हैं। खुले में कचरा जलाने से उठने वाला धुआं न केवल वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है। बल्कि यह स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन रहा है। धुएं के कारण सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और त्वचा संबंधी समस्याओं की शिकायतें बढ़ गई हैं। पूरे दिन प्रदूषण की स्थिति बनी रहती है। जिससे लोगों को काफी परेशानियां हो रही हैं। नगर परिषद द्वारा सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि धूल और प्रदूषण पर काबू पाया जा सके। लेकिन खुले में कचरा जलाने जैसी गतिविधियों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जा रही है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या की अनदेखी कर रहा है और इसके समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। उद्योगों की भूमिका पर सवालइंडस्ट्रीज एरिया में प्रदूषण के बड़े कारणों में कचरा जलाना और औद्योगिक उत्सर्जन शामिल हैं। हालांकि उद्योगों के लिए सख्त पर्यावरणीय नियम बनाए गए हैं, लेकिन इन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। बहरोड़ इंडस्ट्रीज एरिया फेस-1 में स्थित अशोका इंडस्ट्रीज के सामने दिनदहाड़े खुलेआम कचरा जलाया जा रहा है, लेकिन रीको द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। स्थानीय स्टेडियम के पास स्थित खाली प्लॉट में खुलेआम इलेक्ट्रॉनिक सामान और अन्य उपकरणों से निकलने वाले कचरे को जलाया जा रहा है। इससे आसपास की कॉलोनी के लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। थर्माकोल और वायर जैसे सामान को जलाकर आसमान को काला किया जा रहा है, जो और भी ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं। इसके अलावा, कचरा पात्रों में भी कचरा जलाया जा रहा है। लेकिन नगर परिषद द्वारा इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे स्थानीय लोग और पर्यावरण दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं।
क्षेत्र की आबोहवा में घुला जहर
कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्र में रविवार को मौसम में अचानक परिवर्तन आ गया। सुबह से ही तेज हवाओं के साथ वातावरण में प्रदूषण का प्रभाव महसूस हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार एक्यूआई 170 के पार हो गई है। इस स्तर पर हवा में प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन जाता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।

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