विश्व ओज़ोन दिवस हर साल 16 सितंबर को मनाया जाता है। ओजोन परत के बारे में सामान्यत लोग ज्यादा नहीं जानते है। ओजोन परत ओजोन अणुओं की एक परत है। ओज़ोन परत पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है। इस दिन का उद्देश्य ओज़ोन परत के महत्व को समझाना और इसके संरक्षण के लिए वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और विश्व मौसम विज्ञान संगठन के मुताबिक ओजोन परत में 15–20 प्रतिशत सुधार देखा गया है और यह 2040 तक 1980 की स्थिति में लौट सकती है। दुनिया में हर मनुष्य सुख और आनन्द का जीवन जीना चाहता है। यह प्रकृति का विधान है। मगर मानव सभ्यता के विकास के साथ साथ पृथ्वी पर विचरण करने वाले प्राणी सुख के साथ दुःख के भी शिकार हुए है। कहीं रोटी, कपडा और मकान का संकट आ खड़ा हुआ तो कहीं मानव जनित समस्याओं से खुद को जूझना पड़ रहा है। नई नई बीमारियों से रूबरू होना पड़ रहा है तो जल ,जंगल और पृथ्वी की विभिन्न समस्याओं से दो दो हाथ करने पड़ रहे है। विभिन्न वैश्विक संस्थाओं ने इन सभी संकटों से छुटकारा दिलाने के लिए अनेक समुचित प्रबंध कर मानव को जागरूक और सचेत किया है। ऐसा ही एक ज्वलंत मसला ओजोन परत का है।
विश्व ओजोन दिवस 2025 का विषय है विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक — पृथ्वी की सुरक्षा का संकल्प रखा गया है। यह दिन ओजोन परत की रक्षा और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक सहयोग को समर्पित है। इस वर्ष की थीम का उद्देश्य वैज्ञानिक शोध को नीति निर्माण से जोड़ना और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ ठोस कदम उठाना है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा जारी पोस्टर और सोशल मीडिया किट ने इस संदेश को व्यापक रूप से फैलाया। सबसे पहले यह जानना जरुरी है की यह ओजोन परत है क्या और इससे हमें किस बात का खतरा है। ओजोन ऑक्सीजन का अपर रूप होता है यानि ओजोन एक हल्के नीले रंग की गैस होती है। ओजोन ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो कि वातावरण में बहुत कम मात्रा में पाई जाती है। ओजोन परत सामान्यत धरती से 10 किलोमीटर से 50 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच पाई जाती है। जिस प्रकार छाता बारिश से हम को बचाता है वैसे ही यह ओजोन सूर्य के भीषण ताप से पृथ्वी को बचाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह पृथ्वी और पर्यावरण के लिए एक सुरक्षा कवच का कार्य करती है और सूर्य की खतरनाक पराबैंगनी (अल्ट्रा वायलेट) किरणों से हमें बचाती है। ओजोन परत, गैस की एक नाजुक ढाल है। पृथ्वी को सूर्य की किरणों के हानिकारक प्रभाव से बचाकर हमारे जीवन को संरक्षित रखने में हमारी मदद करती है। बिना ओजोन परत के हम जिंदा नहीं रह सकते क्योंकि इन किरणों के कारण कैंसर जैसी भयावह बीमारी, फसलों को नुकसान और समुद्री जीवों को खतरा पैदा हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना हैं कि ओजोन परत के बिना धरती पर जीवन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। संतुलन बिगड़ता है, सर्दियों की तुलना में अधिक गर्मी होती है, सर्दियां अनियमित रूप से आती हैं और ग्लेशियर पिघलने शुरू हो जाते हैं। विभिन्न कारणों से ओजोन परत में छेद होने से पर्यावरण संकट उत्पन्न हो गया मगर अब यह छेद बंद होने से संकट टल गया है।
ओजोन परत हमारे पर्यावरण की ढाल है, जो हमें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है। इसे बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है और इस दिशा में छोटे-छोटे कदम भी बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। ओजोन आक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है। ओजोन परत गैस की एक नाजुक परत है जो पृथ्वी को सूर्य की किरणों के हानिकारक प्रभाव से बचाने का काम करती है और इस प्रकार यह पृथ्वी पर जीवन को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाती है। ये मनुष्य के साथ पेड़-पौधों और जानवरों के लिए भी बेहद खतरनाक को सकती है।
अगर हमें पृथ्वी को बचाना है तो हमें विश्व ओजोन परत दिवस पर संकल्प लेना चाहिए कि हम पृथ्वी और उसके वातावरण को बचाने का प्रयास करेंगे। धरती को प्रदूषित होने से बचाएंगे। बिजली कि बचत करेंगे और वातावरण को शुद्ध बनाने के हर कार्य को जिम्मेदारी से निभाएंगे ताकि हमारी पृथ्वी और आकाश को हरदृष्टि से सुरक्षित और संरक्षित रखा जा सके।
-बाल मुकुन्द ओझा