जयपुर। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत संचालित राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद (एनसीएसएल) के उपाध्यक्ष डॉ.मोहन मंघनानी और एनसीएसएल के सदस्यों ने अजमेर शहर के फॉय सागर का नाम बदलकर वरुण सागर किए जाने का ऐतिहासिक निर्णय कराने और समाज को एक नायाब उपहार देने के लिए राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का आभार जताया है। राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद की गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में इस सम्बन्ध में एक प्रस्ताव पारित कर देवनानी का अभिनंदन किया गया। एनसीएसएल के पदाधिकारियों और सदस्यों ने विधान सभा अध्यक्ष देवनानी को ब्रिटिश उपनिवेशवादी सोच के साथ रखे गए ऐतिहासिक स्थलों के नाम बदल कर भारतीय दर्शन और महापुरुषों के नाम पर रखने के लिए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। धन्यवाद प्रस्ताव में कहा गया है कि हमें इस बात की खुशी और गर्व है कि राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष और परिषद के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए उन्होंने ऐसा सराहनीय और अनुकरणीय कार्य किया है। देवनानी की पहल पर अजमेर के किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम स्वामी दयानंद सरस्वती विश्रान्ति गृह, आरटीडीसी होटल खादिम का नाम होटल अजय मेरु और एलिवेटेड ब्रिज का नाम रामसेतु किया गया है।

अजमेर शहर के फॉय सागर का नाम वरुण सागर किए जाने के ऐतिहासिक निर्णय पर राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद ने विधानसभा अध्यक्ष का जताया आभार
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