पेड़ काटने के मामले ने पकड़ा तूल! सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दिल्ली नगर निगम उच्च अधिकारियों को बचा रहा है

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सुप्रीम कोर्ट ने रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर दिल्ली और इंफ्रा बॉडी को फटकार लगाई है। मामले की जड़ तक पहुंचने के अपने इरादे को स्पष्ट करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को न केवल दिल्ली विकास प्राधिकरण बल्कि दिल्ली सरकार को भी रिज क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई के लिए फटकार लगाई, जो अरावली का विस्तार है। चूक के लिए जिम्मेदार डीडीए अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से “शानदार चूक” हुई है, जिसके तहत ट्री अथॉरिटी को काम करना चाहिए।

डीडीए पर लगे जानकारी छुपाने के आरोप
सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए पर उच्च अधिकारियों को बचाने के लिए जानकारी छिपाने का आरोप लगाया। क्योंकि भूमि नियंत्रण एजेंसी इस बात पर संदेह दूर करने में विफल रही कि क्या दिल्ली के एलजी वी के सक्सेना ने रिज क्षेत्र का दौरा किया था और सड़क निर्माण के लिए कानून का उल्लंघन करते हुए 750 से अधिक पेड़ों की कटाई को मंजूरी दी थी। अदालत की यह टिप्पणी तब आई जब डीडीए ने कहा कि उसे इस बात के दस्तावेज नहीं मिल पाए कि सक्सेना ने इलाके का दौरा किया था या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को डीडीए को एलजी की भूमिका के बारे में सफाई देने का निर्देश दिया था, क्योंकि आरोप है कि संबंधित कार्यकारी अभियंता ने अपने ईमेल संदेशों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि एलजी ने 3 फरवरी को साइट का दौरा किया था और पेड़ों को हटाने का निर्देश दिया था। हालांकि, बाद में इंजीनियर अपने दावे से मुकर गया।

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