जयपुर। खाने को तो विपक्ष एक हो जाता है लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के बाद जैसे ही विपक्ष एक अच्छे दालों के रूप में आगे आया और उसके बाद जिस तरीके से महाराष्ट्र हरियाणा और दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव के अंदर वहीं विपक्ष आपस में एक दूसरे को पांच करता हुआ नजर आया और यही कारण है कि इस लड़ाई में बीजेपी जो कि लोकसभा चुनाव में अपने आप को काफी मजबूत साबित कर रही थी मगर वह हो नहीं पाई 400 का नारा लेकर बीजेपी आगे बड़ी थी मगर 240 में ही समझ गई वही इतनी कांबेंसी के बावजूद भी हरियाणा में फिर से एक बार सरकार रिपीट हो गई बीजेपी की महाराष्ट्र के अंदर भी बीजेपी ने अपने सहयोगी दल के साथ मिलकर सरकार बना ली और नई दिल्ली के अंदर भी 27 साल बाद भाजपा ने वापसी करी है।
इन विधानसभा चुनाव के अंदर विपक्ष जो कि लोकसभा चुनाव के अंदर एक होकर लड़ा था वह यहां पर साफ उलझता हुआ दिखाई दिया गया खासतौर से कांग्रेस और आप पार्टी हरियाणा और दिल्ली के अंदर एक दूसरे को गालियां देते हुए ही नजर आई और इसका सीधा-साधा फायदा बीजेपी ने उठा लिया और बीजेपी 45 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज कर बड़ी पार्टी बन गई. वही महाराष्ट्र के अंदर भी यही देखने को मिला यहां पर भी भले ही विपक्ष ने एक होकर चुनाव लड़ा मगर आपसे गुडबाजी के चलते यहां पर भी वही देखने को मिला बात करें हरियाणा की तो हरियाणा में तो कांग्रेस ने अपनी जीत मान ली थी ।
मगर ऐसे उठा पटक हुई इसका कांग्रेस ने भी कभी सोचा नहीं था. अब सवाल यही उठता है कि विपक्ष जिसने 2024 के चुनाव में बीजेपी और उनके सहयोगी दलों को काफी चुनौती दी थी वहीं विपक्ष अब खुद आपस में ही एक दूसरे के लिए चुनौती बनता जा रहा है और इसका फायदा बीजेपी आराम से उठा भी रही है दिल्ली में बीजेपी के हाथ में सरकार आ जाना इस बात का संकेत दे रहा है कि लोगों को अभी भी बीजेपी पर भरोसा है और यह भरोसा बीजेपी कायम करके रहेगी।



