वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 समेत विभिन्न मुद्दों पर बिहार विधानसभा के बाहर विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक वापस लिया जाना चाहिए। बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है और सभी अधिकारियों की जांच होनी चाहिए। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। राजद विधायक मुकेश कुमार यादव ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 एक विशिष्ट व्यक्ति और समुदाय के खिलाफ एक निषेध है। सरकार वक्फ संपत्तियों को कुछ उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है। राजद विधायक ने आगे कहा कि जैसे रेलवे और एयरवेज का निजीकरण किया गया, वैसे ही वह देश की सारी संपत्तियों को कुछ निजी संस्थाओं को सौंपना चाहती है। राजद और विपक्ष इस विधेयक के खिलाफ है और अगर यह संसद में पारित हो भी जाता है तो लालू यादव और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद इसे जमीनी स्तर पर लागू नहीं होने देगी।
उन्होंने कहा कि हम हर समुदाय के अधिकार की लड़ाई लड़ते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि बिहार के 65% आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। इससे पहले बिहार में बुधवार को वक्फ विधेयक के खिलाफ विधानसभा से लेकर सड़कों तक पर प्रदर्शन हुए। राजधानी पटना में विभिन्न राजनीतिक दलों ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के ‘महा धरना’ के प्रति एकजुटता व्यक्त की। एआईएमपीएलबी ने विधानसभा परिसर से महज एक किलोमीटर की दूरी पर धरना दिया, जिसमें केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से संसद में पेश वक्फ विधेयक को वापस लेने की मांग की गई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे “धर्मनिरपेक्ष” नेताओं से विवादास्पद विधेयक के लिए उनके “समर्थन” पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अपने बीमार पिता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के साथ पटना में धरने के लिए निर्धारित स्थल गर्दनीबाग पहुंचे।